लुधियाना: भारत के पास स्थायी सुरक्षा या रक्षा नीति नहीं है और केंद्र सरकार किसी विशेष रणनीति के बजाए बाबुओं (नौकरशाहों) द्वारा इस मामले में निर्देशित होती है. यह बात पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी. पी. मलिक ने कही है.रक्षा कवच को मजबूत करने में भारत के समक्ष चुनौतियों की बात करते हुए मलिक ने कहा कि देश के खुफिया नेटवर्क को और उन्नत किए जाने की जरुरत है.
मलिक ने खराब खुफिया जानकारी का उदाहरण देते हुए कहा, अगर उन्होंने (खुफिया एजेंसियों) ने सही सूचना दी होती तो कारगिल युद्ध से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कभी भी बस से लाहौर नहीं जाते.वह लुधियाना मैनेजमेंट एसोसिएशन की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में आज बोल रहे थे.भारतीय सीमाओं पर स्थिति का जिक्र करते हुए मलिक ने कहा कि चीन और पाकिस्तान अपनी इच्छा के मुताबिक समझौतों का उल्लंघन कर रहे हैं.
मलिक ने कहा, सीमा सड़कों या आधारभूत ढांचों के सिलसिले में हमारी रक्षा तैयारियां अपर्याप्त हैं. हमारी सड़कें वास्तविक नियंत्रण रेखा से 60 से 70 किलोमीटर दूर हैं जबकि चीन की सड़कें सीमा तक जाती हैं.उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान ने इस वर्ष 87 बार नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना है.