नयी दिल्ली : भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लेखकों, पत्रकारों और कथाकारों ने विभाजन के समकालीन समय के आम लोगों पर पड़े असर को एक नये ग्राफिक उपन्यास में चित्रित किया है. ‘दिस साइड दैट साइड: रिस्टोरीयरिंग पार्टिशन: नाम की इस पुस्तक का विमोचन 30 अगस्त को होने का कार्यक्रम है. इसका प्रकाशन योदा प्रेस कर रहा है.
इसमें पत्रकार, ग्राफिक आर्टिस्ट, अनुवादक और कथाकार सहित 46 लोगों ने अपना योगदान दिया है. इसका संकलन करने वाली विश्वज्योति घोष ने बताया कि इस पुस्तक का उद्देश्य विभाजन और इसके समकालीन समय पर प्रभाव को कॉमिक्स और ग्राफिक के जरिए बयां करना है.
ग्राफिक उपन्यासकार, कार्टूनिस्ट और डिजाइनर घोष ने बताया कि इस पुस्तक में कविता, गीत और दास्तां जैसे विभिन्न दृश्य प्रारुप हैं. कई कथाओं को हिन्दी, उर्दू, बंगाली से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है. ग्राफिक में यह दिखाया गया है कि उस वक्त के लोगों का विभाजन पर क्या असर पड़ा.
पुस्तक में ‘तमाशा ए तेतवाल’ शीर्षक से कहानी में बताया गया है, ‘‘नियंत्रण रेखा पर तेतवाल नाम का एक गांव है. 1947 में विभाजन के बाद सीमा रेखा खींचे जाने के पर दोनों ओर दो तरह की बस्तियां उभरी. एक बस्ती को दूसरी बस्ती से एक जलधारा अलग करती थी. तमाम बाधाओं के बावजूद लोग एक दूसरे से बात करते हैं, वे यह जानने को इच्छुक हैं कि दूसरी ओर क्या हो रहा है हालांकि वे एक साथ बैठ नहीं सकते.’’यशोदाप्रेस की प्रकाशक अर्पिता दास ने कहा, ‘‘जब हम विभाजन की बात करते हैं तो अक्सर बांग्लादेश को भुला दिया जाता है. इस देश का दो बार विभाजन हुआ इसलिए बांग्लादेशियों के दास्तान को सामने लाना जरुरी था.’’