नई दिल्ली : सरकार ने देश में 65 आतंकवादी संगठनों की पहचान की है, जिनमें से सबसे अधिक 34 मणिपुर में हैं. गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने आज लोकसभा को बताया कि उपलब्ध खुफिया सूचनाओं से पता चलता है कि भारत में सक्रिय आतंकवादियों और उग्रवादियों को विदेश विशेषकर पाकिस्तान स्थित उनके मूल संगठन धन मुहैया कराते हैं. वे उन्हें शरण, प्रशिक्षण, हथियार और धन प्रदान करते हैं.
उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि मौजूदा वैधानिक एवं कानूनी ढांचा आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए पर्याप्त प्रावधान करता है. विभिन्न राज्यों में सक्रिय आतंकवादी संगठनों में से जम्मू कश्मीर के पांच संगठन हैं, जिनमें लश्कर ए तय्यबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जैश ए मोहम्मद, हरकत ए मुजाहिदीन और अल बदर शामिल हैं.
पूर्वोत्तर में असम में 11, मेघालय में 4, मिजोरम में 2 और मणिपुर में 34 संगठन हैं. बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स और खालिस्तान कमांडो फोर्स तीन उग्रवादी संगठन हैं, जो पंजाब में सक्रिय हैं.
वामपंथी उग्रवाद के बारे में उन्होंने बताया कि भाकपा-माले, पीपुल्स वार और उससे संबद्ध अन्य संगठन, माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर और उससे जुडे संगठन, भाकपा-माओवादी को भी प्रतिबंधित किया गया है. उन्होंने कहा कि नक्सल हिंसा से निपटने में कुछ राज्य काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. कुछ का प्रदर्शन हल्का है और कुछ पीछे छूट रहे हैं. ‘‘यही चिन्ता की बात है.’’