24.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भूषण, यादव बना सकते हैं नई पार्टी, 14 अप्रैल को औपचारिक घोषणा संभव

नयी दिल्ली: आप के असंतुष्ट नेता प्रशांत भूषण एवं योगेन्द्र यादव ने अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर संशय को बरकरार रखा लेकिन अपने कार्यकर्ताओं एवं शुभचिंतकों की राय लेने के बाद किसी राजनीतिक दल के गठन की संभावना से इंकार भी नहीं किया.केजरीवाल के पार्टी चलाने के तरीके पर अप्रसन्नता जताते हुए भूषण ने […]

नयी दिल्ली: आप के असंतुष्ट नेता प्रशांत भूषण एवं योगेन्द्र यादव ने अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर संशय को बरकरार रखा लेकिन अपने कार्यकर्ताओं एवं शुभचिंतकों की राय लेने के बाद किसी राजनीतिक दल के गठन की संभावना से इंकार भी नहीं किया.केजरीवाल के पार्टी चलाने के तरीके पर अप्रसन्नता जताते हुए भूषण ने कहा कि वह और यादव 14 अप्रैल को एक बैठक में देश भर के अपने समर्थकों के साथ विस्तार से विचार विमर्श करेंगे. यह बैठक उन आप सदस्यों की सकारात्मक उर्जा को दिशा देने के लिए बुलायी गयी है जो मौजूदा नेतृत्व में ‘‘ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.’’

भूषण ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘इसे कोई राजनीतिक दल होना जरुरी नहीं है. लेकिन यह कोई राजनीतिक दल भी हो सकता है जो इस बात पर निर्भर करेगा कि वे क्या चाहते हैं और क्या होता है. मेरी व्यक्तिगत राय है कि हमें फिलहाल मुद्दों एवं आंदोलन पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए न कि राजनीतिक दल गठित करने के बारे में.’’ दस साल पहले आरटीआई आंदोलन के समय केजरीवाल के साथ आये प्रख्यात वकील ने कहा कि उन्हें एवं यादव को जिस तरह से हटाया गया, वह उससे बेहद दुखी हैं.

केजरीवाल को समर्थन देने के लिए खेद व्यक्त करते हुए भूषण ने कहा कि जिस तरह से 28 मार्च को राष्ट्रीय परिषद की बैठक संचालित की गयी वह अक्षम्य है. भूषण ने दावा किया कि केजरीवाल लोकसभा चुनाव में मिली पराजय के बाद दिल्ली में सत्ता हथियाने को लेकर बेताब थे तथा उन्होंने पिछले साल नवंबर में दिल्ली विधानसभा भंग किये जाने से पहले तक अपने प्रयास जारी रखे.

उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने कांग्रेस का समर्थन हासिल करने के मकसद से राहुल गांधी से बातचीत करने के लिए एक सामाजिक कार्यकर्ता तक से संपर्क किया था. भूषण ने कहा कि नवंबर 2014 में उन्होंने निखिल डे से संपर्क किया था और उनसे कहा था कि वह सरकार गठन के लिए कांग्रेस के समर्थन के वास्ते राहुल गांधी से संपर्क करें.

इस बारे में टिप्पणी के लिए डे से संपर्क नहीं हो पाया. भूषण ने कहा कि भले ही आप की राजनीतिक मामलों की समिति एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने कांग्रेस के समर्थन से फिर से सरकार नहीं बनाने का निर्णय किया था लेकिन केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन या पार्टी से विधायकों को अलग करवा उनका समर्थन लेने के प्रयास जारी रखे.

यह पूछे जाने पर कि क्या आप के साथ बने रहना असंभव हो गया था, भूषण ने कहा कि वह केजरीवाल और उनके समर्थकों के साथ नहीं चल सकते. भूषण ने कहा कि उन्होंने 28 मार्च को जो किया वह अक्षम्य है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें