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महामना मालवीय नवाजे गए भारत रत्न से

नयी दिल्ली: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक और स्वतंत्रता सेनानी महामना मदन मोहन मालवीय के निधन के 68 साल बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज उन्हें देश के शीर्ष नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पिछले सप्ताह इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. इन दोनों को पिछले […]

नयी दिल्ली: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक और स्वतंत्रता सेनानी महामना मदन मोहन मालवीय के निधन के 68 साल बाद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज उन्हें देश के शीर्ष नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पिछले सप्ताह इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. इन दोनों को पिछले साल 24 दिसंबर को भारत रत्न देने की घोषणा हुई थी.

राष्ट्रपति भवन के मशहूर दरबार हाल में आज आयोजित समारोह में महामना की दो पौत्रियों हेम शर्मा और सरस्वती शर्मा तथा दो पौत्रों प्रेमधर मालवीय और गिरधर मालवीय सहित उनके परिजनों ने राष्ट्रपति से यह पुरस्कार ग्रहण किया.इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद थे.
समारोह में हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस के किसी नेता को नहीं देखा गया. सूत्रों ने बताया कि प्रोटोकाल के अनुरुप पूर्व प्रधानमंत्री सिंह को समारोह के लिए निमंत्रण दिया गया था.
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर पद्म पुरस्कार विजेताओं को भी उनके पुरस्कारों से नवाजा. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पंजाब के मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल और संस्कृत व्याकरण के विशेषज्ञ जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को पद्म विभूषण से सुशोभित किया.हिन्दू राष्ट्रवाद को आगे बढाने के लिए जाने जाने वाले मालवीय एक दूरदृष्टा शिक्षाविद थे जिन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की. वह दक्षिणपंथी हिन्दू महासभा के प्रारंभिक संस्थापकों में शामिल हैं.
90 वर्षीय वाजपेयी की उम्र संबंधी अस्वस्थता के चलते मुखर्जी ने प्रोटोकोल से हट कर पूर्व प्रधानमंत्री के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर जाकर उन्हें 27 मार्च को यह पुरस्कार प्रदान किया था.राष्ट्रपति द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वालों में विख्यात वकील हरीश साल्वे, पत्रकार स्वपन दासगुप्त और रजत शर्मा तथा भारत-जापान मैत्री के पैरोकार 98 वर्षीय साइचिरो मिसुमी शामिल हैं. मिसुमी ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का समर्थन किया था और जून 1943 में उनके जापान जाने पर उनकी देखभाल की थी.
इस साल 109 लोगों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की गई जिनमें से 43 को आज इससे सम्मानित करने के लिए राष्ट्रपति भवन आमंत्रित किया गया, जबकि इनमें छह किन्हीं कारणों से समारोह में नहीं आए.
बाकी बचे 60 पद्म पुरस्कार विजेताओं को अगले महीने आयोजित कार्यक्रम में ये सम्मान प्रदान किए जाएंगे. सूत्रों ने बताया कि अगला समारोह संभवत: आठ अप्रैल को होगा.पद्म भूषण पुरस्कार विजेताओं में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता और ओलंपिक खेलों में पदक विजेता सुशील कुमार के कोच सतपाल, फोर्टिस एस्कोर्ट अस्पताल के अध्यक्ष अशोक सेठ और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी शामिल हैं.
पद्मश्री से सम्मानित किए जाने वालों में फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली, लेखक एवं गीतकार प्रसून जोशी, भौतिकविद डा रणदीप गुलेरिया, ‘चाचा चौधरी’ जैसे मशहूर कार्टून चरित्र के रचियता काटरूनिस्ट प्राण (मरणोपरांत), बैडमिंटन खिलाडी सुश्री पी वी सिंधू, हाकी स्टार सरदार सिंह और एवरेस्ट को फतह करने वाली अरुणिमा सिंह शामिल हैं.विख्यात कार्टूनिस्टदिवंगत प्राण की पत्नी आशा प्राण ने कहा कि उनके पति को पुरस्कार देर से मिला लेकिन फिर भी यह उनके जीवन में किए गए उनके रचनात्मक कार्यों की मान्यता है.
चाचा चौधरी, बिल्लू, पिंकी और रमण जैसे लोकप्रिय कार्टून चरित्रों के रचयिता प्राण का 5 अगस्त 2014 को निधन हो गया था.पद्म श्री से सम्मानित भारतीय हाकी टीम के कप्तान सरदार सिंह ने कहा कि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाना उनके लिए बडा सम्मान है.

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