नयी दिल्ली: मुस्लिम युवकों से जुडे आतंकी मामलों की सुनवाई तेजी से कराये जाने की मांग के बीच गृह मंत्रालय ऐसे मामलों के सिलसिले में जेल में बंद युवकों को कानूनी सहायता प्रदान करने का इरादा कर रहा है.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बात को लेकर वाजिब चिन्ता है कि जेल में बंद कुछ मुस्लिम युवक निदरेष हो सकते हैं इसलिए हम उन्हें कानूनी सहायता देने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं.
खान ने शिन्दे को बताया कि विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने आशंका व्यक्त की है कि गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के कठोर प्रावधानों का अल्पसंख्यकों के खिलाफ दुरुपयोग हो सकता है. खान ने आतंक से जुडे सभी मामलों की तेजी से सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए विशेष अदालतों के गठन का प्रस्ताव भी किया था. खान की बात का पूरा समर्थन करते हुए शिन्दे ने उन्हें पत्र लिखकर कहा था, ‘‘आपको मेरा आश्वासन है कि (जो आपने कहा है) ऐसा होगा.’’