नयी दिल्ली: राज्यसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने सरकारी रिकार्ड में भगत सिंह को शहीद के रुप में नहीं दिखाए जाने पर आपत्ति जतायी, जिस पर सरकार ने कहा कि वह उन्हें शहीद मानती है और अगर सरकारी रिकार्ड में ऐसा नहीं है तो इसे सुधारा जाएगा.संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार उन्हें बाकायदा शहीद मानती है और अगर सरकारी रिकार्ड में ऐसा नहीं है तो इसे सुधारा जाएगा.शून्यकाल में जदयू के केसी त्यागी ने यह मामला उठाया और विभिन्न दलों के कई सदस्यों ने उनकी मांग का पुरजोर समर्थन किया.
इस पर शुक्ला ने कहा कि सरकार भगत सिंह को पूरा सम्मान करती है और 2008 में जब अंबिका सोनी संस्कृति मंत्री थीं, उस दौरान उनके गांव नवांशहर से उनके सम्मान में दो सिक्के जारी किए थे जिन पर शहीद भगत सिंह का जिक्र किया गया है. शुक्ला ने कहा कि नवांशहर का नाम बदलकर शहीद भगत सिंह नगर रखा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें बाकायदा शहीद मानती है और अगर रिकार्ड में नहीं है तो उसे सुधारा जाएगा.
इसके पहले त्यागी ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश ने हाल ही में 67वां स्वतंत्रता दिवस मनाया. लेकिन देश के महानतम स्वतंत्रता सेनानी शहीद.ए.आजम भगत सिंह को अब तक शहीद का दर्जा नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि अभिलेखागार और अन्य सरकारी दस्तावेजों में उनका नाम शहीदों में नहीं है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री ने सफाई दी है. जदयू सदस्य केसी त्यागी ने चर्चित नेता राजनारायण का नाम स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में नहीं होने का भी जिक्र किया और कहा कि इस संबंध में उनके पुत्र ने कई बार सरकार को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि उनकी दोनों मांगों पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए.