नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि अधिग्रहण बिल पर मतदान के दौरान संसद से गैरहाजिर भाजपा सांसदों के प्रति सख्त रुख अपनाया है. मंगलवार को भाजपा संसदीय दल के बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को सख्त हिदायत भी दी. यूं तो बैठक में पीएम अपनी विदेश यात्रा के बारे में जानकारी देनेवाले थे, लेकिन इस दौरान उन 20 सांसदों को शर्मिंदगी उठानी पड़ी, जो भूमि अधिग्रहण बिल पर वोटिंग के दौरान सदन से गायब थे. खबरों के मुताबिक, संसदीय दल की बैठक के दौरान वेंकैया नायडू ने उन 20 सांसदों का नाम लिया, जो बिल पर वोटिंग के दौरान गायब थे.
इन सांसदों से नाराज प्रधानमंत्री ने सभी 20 सांसदों को भरी बैठक में खड़े होने को कह दिया. पीएम ने कहा, ‘आप सभी 20 सांसद खड़े हो जाइये, ताकि बाकी लोग आपको देख सकें.’ इसके बाद मोदी ने चेतानवी दी कि ध्यान रहे, आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए. अनुपस्थित रहे सांसदों में वरु ण गांधी, पूनम महाजन, बाबुल सुप्रियो, प्रतिमा मुंडे आदि के भी नाम शामिल हैं.
नायडू ने इस बात का भी जिक्र किया कि पिछले शुक्रवार को जेटली के विदेश जाने के कारण लोकसभा में मौजूद नहीं होने पर कांग्रेस सदस्यों ने किस प्रकार से बजट पर चर्चा नहीं शुरू होने दी. बैठक में बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि से कई राज्यों में फसलों को हुए नुकसान का विषय भी उठा और प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय दल भेजे जाने और नुकसान का आकलन करने के साथ केंद्र के सहयोग की मांग भी की गयी.
हो रही नकारात्मक राजनीति
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह भूमि विधेयक का विरोध करने में ‘‘नकारात्मक राजनीति’’ करके ‘‘अड़चन’’ डाल रही है. हालांकिउम्मीद जतायी कि इसे पारित करवाने के लिए ‘‘कोई न कोई रास्ता ढूंढ़ा जायेगा. विरोध मार्च का एकमात्र उद्देश्य देश में विकास को बाधित करना है. यह कांग्रेस की बाधा उत्पन्न करने की राजनीति का ही विस्तार है. जेटली ने कहा कि इस संबंध में लाया गया अध्यादेश पूरी तरह कृषि क्षेत्र और ‘‘किसानों के हित में है. इसके जरिये ग्रामीण ढांचा सृजित किया जायेगा.