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भारत ने आईएमएफ में कोटा सुधारों पर जोर दिया, लेगार्ड का समर्थन

नयी दिल्ली : भारत द्वारा अधिक प्रतिनिधित्व की मांग पर जोर दिए जाने के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने आज उसे दस प्रमुख भागीदारों में से एक बनाने के विकल्पों पर विचार का वादा किया क्योंकि अमेरिका इस बहुपक्षीय संस्थान में कोटा सुधारों की ‘पुष्टि नहीं कर रहा है’. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आईएमएफ की […]

नयी दिल्ली : भारत द्वारा अधिक प्रतिनिधित्व की मांग पर जोर दिए जाने के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने आज उसे दस प्रमुख भागीदारों में से एक बनाने के विकल्पों पर विचार का वादा किया क्योंकि अमेरिका इस बहुपक्षीय संस्थान में कोटा सुधारों की ‘पुष्टि नहीं कर रहा है’. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड के साथ बैठक में आईएमएफ कोटा सुधारों के त्वरित कार्यान्वयन पर जोर दिया ताकि भारत जैसी उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं को अधिक भागीदारी मिल सके. वहीं लेगार्ड ने जोर दिया कि आईएमएफ एक वैश्विक बहुपक्षीय संस्थान है जिमें भारत जैसे देशों को अधिक भागीदारी मिलनी चाहिए.

लेगार्ड दो दिन की यात्रा पर भारत आई हुई हैं. उन्होंने यहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड के साथ बैठक में 2010 के आईएमएफ कोटा व प्रशासनिक सुधारों के शीघ्र कार्यान्वयन का आह्वान किया.’ इससे पहले लेगार्ड ने एक कालेज में व्याख्यान में कहा कि अमेरिका उन कोटा सुधारों की पुष्टि नहीं कर रहा है. जिनसे इस बहुराष्ट्रीय संस्था में उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं के लिए बडी भूमिका का मार्ग प्रशस्त होगा.

क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि आईएमएफ देशों के कोटे में बदलाव पर विचार कर रहा है जिससे भारत शीर्ष दस हिस्सेदारों में शामिल हो जाएगा. उन्होंने व्याख्यान में कहा, ‘सुधारों पर अमल से भारत इस संस्थान के दस शीर्ष भागीदारों में आ जाएगा. यह कठिन काम है क्योंकि एक सदस्य है जो इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है. संतुलन को नये सिरे से निर्धारित करने वाला अमेरिका सुधारों की पुष्टि नहीं कर रहा है.’ उन्होंने कहा कि आईएमएफ, विकल्पों पर विचार कर रहा है. मुझे उम्मीद है कि कुछ काम होगा. मुझे पूरा भरोसा है. लेकिन हमें विस्तृत सुधारों की जरुरत है ताकि अर्थव्यवस्थाओं को उचित तरीके से प्रतिनिधित्व मिले.’

कोटा सुधारों से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को आईएमएफ में बडी भूमिका देने का प्रस्ताव है. लेगार्द ने जोर देकर कहा कि आईएमएफ बहुपक्षीय संस्था है जिसमें भारत जैसे देशों को बडी भूमिका होनी चाहिए. कोटा सुधारों को लागू करने के लिये अमेरिका का इनकी पुष्टि करना जरुरी है. वर्ष 2010 में सदस्य देशों के बीच इस पर सहमति बनी थी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 के सुधारों को लागू करना सभी के हित में है. आईएमएफ में भारत का कोटा 2.44 प्रतिशत है और उसे 2.34 प्रतिशत मतदान अधिकार प्राप्त हैं. इसके अलावा अमेरिका का कोटा 17.69 प्रतिशत जिसमें उसे 16.75 प्रतिशत मतदान का अधिकार प्राप्त है.

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