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मोदी को पीएम उम्मीदवार घोषित करने के लिए प्रस्ताव पारित नहीं करें

नयी दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आज राज्य इकाइयों से कहा कि वे नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए प्रस्ताव पारित नहीं करें. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला सभी शीर्ष नेताओं के साथ सलाह-मशविरे करने के बाद किया जाएगा. सिंह ने मोदी की अध्यक्षता वाली चुनाव अभियान […]

नयी दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आज राज्य इकाइयों से कहा कि वे नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के लिए प्रस्ताव पारित नहीं करें. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला सभी शीर्ष नेताओं के साथ सलाह-मशविरे करने के बाद किया जाएगा.

सिंह ने मोदी की अध्यक्षता वाली चुनाव अभियान समिति, राज्य इकाइयों के अध्यक्षों और संगठन महासचिवों की यहां हुई बैठक में यह फरमान दिया.मोदी बैठक में मौजूद थे. भाजपा अध्यक्ष की टिप्पणी भाजपा की बिहार इकाई के मोदी को अविलंब प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के संबंध में कल एक प्रस्ताव पारित करने के बाद आया है.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने प्रस्ताव पारित करने के लिए विधान परिषद में विपक्ष के नेता सुशील मोदी समेत बिहार इकाई के पदाधिकारियों को फटकार लगाई. सिंह ने कहा कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का पता है और जानते हैं कि कौन सा फैसला उन्हें करना है और कब करना है.

अन्य राज्य इकाइयों से विशेष तौर पर भाजपा अध्यक्ष ने इस तरह का प्रस्ताव पारित नहीं करने को कहा. पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि सिंह ने भाजपा सम्मेलन में कहा कि इस संबंध में फैसला सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ सलाह-मशविरा करने के बाद किया जाएगा.

यद्यपि देशभर से पार्टी कार्यकर्ता मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग कर रहे हैं लेकिन कुछ नेता कथित तौर पर इस विचार के खिलाफ हैं.भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज समेत अन्य के बारे में कहा जाता है कि वे मोदी का नाम घोषित किए जाने के खिलाफ हैं. जहां ज्यादातर पार्टी नेता महसूस करते हैं कि आडवाणी और स्वराज मोदी के खिलाफ हैं क्योंकि वे खुद प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार उनकी दलील है कि मोदी की कट्टर हिंदुवादी की छवि होने के कारण संभावित सहयोगी दल दूर छिटक जाएंगे.

विगत 17 वर्षों से राजग का हिस्सा रहे जद (यू) ने तब गठबंधन से नाता तोड़ लिया था जब मोदी को भाजपा की चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया. शिवसेना भी मोदी की मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ नजदीकियों की वजह से उनके खिलाफ है. शिवसेना ने कहा है कि सुषमा बेहतर उम्मीदवार होंगी.

आडवाणी ने इससे पहले मोदी को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में पार्टी के प्रमुख पदों से इस्तीफा दे दिया था और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लिया था.सिंह कथित तौर पर मोदी की उम्मीदवारी पर आम सहमति बनाने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं.

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