नयी दिल्ली: लोकसभा चुनावों की गत वर्ष 16 मई को सुबह जब मतगणना शुरु हुई थी तब नरेन्द्र मोदी अकेले अपने कमरे में ध्यानस्थ थे, जहां कोई टेलीविजन नहीं चल रहा था और उन्होंने दिन में 12 बजे तक कोई टेलीफोन भी नहीं सुना था.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सुबह जब मतगणना चल रही थी, मैं अपने कमरे में एकदम अकेला था और टीवी ऑन नहीं था. चुनावों की थकान के बाद मैं अपने अध्यात्मिक कामकाज को पूरा कर रहा था और ध्यान का आनंद ले रहा था.’’ उन्होंने कहा कि मतगणना के दिन उन्होंने ‘‘ दोपहर 12 बजे के बाद ही फोन रिसीव करना शुरु किया और परिणामों के बारे में पहला फोन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह का आया था जिन्होंने मुझसे कहा था कि यह तो पहले ही पता था कि हम चुनावों में भारी बहुमत प्राप्त करेंगे.’’ तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लयेर के पूर्व मीडिया सलाहकार लांस प्राईस की नई पुस्तक ‘‘द मोदी एफेक्ट: इनसाइड नरेन्द्र मोदीज कंपेन टू ट्रांसफार्म इंडिया’’ में मोदी के जीवन–उनके व्यक्तिगत एवं राजनीतिक– दोनों से जुडी कई दिलचस्प बातों का जिक्र है.
भारत में हैशेट द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इंटरव्यू, उनकी काबीना के सहयोगियों पीयूष गोयल, प्रकाश जावडेकर और स्मृति ईरानी, मोदी के सलाहकारों और विश्लेषकों से बातचीत पर आधारित है.किताब में भाजपा के बडे कारपोरेट दानदाताओं से रिश्तों के बारे में भी चर्चा है.
मोदी ने कहा, ‘‘इस बारे में बहुत कुछ लिखा गया कि हम कारपोरेट के निजी विमान इस्तेमाल कर रहे हैं. कृपया ध्यान रखिए कि अगर जरुरी हुआ तो मैं चुनाव प्रचार के लिए साइकिलें भी किराये पर लूंगा.’’ उन्होंने आगे कहा, भारत जैसे विशाल और विविधिताओं वाले देश में प्रचार प्रबंधन के लिए इधर से उधर जाने के वास्ते हमें विमानों की जरुरत थी. हमने जो भी इस्तेमाल किया उस पर आए खर्चे की पाई पाई हमारी पार्टी ने चुकाई है.