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दुनिया के 100 बड़े विश्वविद्यालयों में एक भी भारतीय नहीं
नयी दिल्ली: आइआइटी और आइआइएम जैसे बेहतरीन संस्थान होने के बावजूद यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है कि दुनिया के शीर्ष सौ विश्वविद्यालयों में भारत का एक भी विश्वविद्यालयों नहीं है. टाइम्स हाइयर एजुकेशन की ‘वर्ल्ड रेपुटेशन रैंकिंग’ की 2015 की जारी की गई लिस्ट से यह बात सामने आयी है. इस रैंकिंगमें […]
नयी दिल्ली: आइआइटी और आइआइएम जैसे बेहतरीन संस्थान होने के बावजूद यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है कि दुनिया के शीर्ष सौ विश्वविद्यालयों में भारत का एक भी विश्वविद्यालयों नहीं है. टाइम्स हाइयर एजुकेशन की ‘वर्ल्ड रेपुटेशन रैंकिंग’ की 2015 की जारी की गई लिस्ट से यह बात सामने आयी है.
इस रैंकिंगमें हार्वर्ड विश्वविद्यालय पहले स्थान पर है. वहीं कैंब्रीज विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तीसरे स्थान पर है. भारत के लिए यह थोड़ी निराशाजनक बात जरुर है कि शीर्ष सौ विश्वविद्यालयों की सूची में भारत को छोड़कर ब्रिक देशों में से ब्राजील, रसिया और चीन के एक एक विश्वविद्यालय हैं. इस लिस्ट में चौथे स्थान पर मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और पांचवें नंबर पर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय है.
भारत के इतिहास पर नजर डालें तो शुरू से ही भारत बुद्धिजीवियों को देश रहा है. गणित, साहित्य और विज्ञान जैसे विषयों में विश्व पटल पर भारतका बोलबाला रहा है. फिर भी आइआइटी आइआइएम जैसे बेहतरीन संस्थानों के होते हुए भी देश शीर्ष सौ विश्वविद्यालयों में अपना स्थान नहीं बना सका है.
उच्च शिक्षा को लेकर भारत में ब्रेन ड्रेन की समस्या चिंता का विषय बन गया है. भारत के छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ना उचित समझते हैं. हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने अभिभाषण में इस बात को लेकिन चिंता जाहिर की थी.
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