गुजरात:भुज के लालन कॉलेज में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगा फहराया. इस अवसर पर उन्होंने देशवासिंयों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि देश मानसिक गुलामी से मुक्ति चाहता है. प्रधानमंत्री जी के भाषण से निराशा हाथ लगी है.पीएम ने पड़ोसी देशों को कड़ा संदेश नहीं दिया.
उनसे जिस तरह के भाषण की उम्मीद थी वह सुनने को नहीं मिली. राष्ट्रपति की चिंता से हम सहमत हैं. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति की भावना का आदर नहीं किया. आज देश में सास बहू और दमाद का सीरियल चल रहा है. जिससे देश के लोग त्रस्त हैं. देश के विकास के लिए गुजरात का विकास जरूरी है. देश में परिवारवाद चल रहा है. इससे देश मुक्ति चाहता है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में सिर्फ एक ही परिवार को याद किया. पीएम आज शास्त्री और पटेल को भूल गये. देश को पहचानने में पीएम नाकाम हैं.उन्होंने कहा कि सबका साथ और सबका विकास होना चाहिए. कभी नहीं का कि गुजरात मेरे कारण आगे बढ़ा गुजरात को आगे बढ़ाने में यहां की जनता का हाथ है. हमे एक भारत और श्रेष्ठ भारत बनाना है.
भाजपा की चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख और आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार समझे जा रहे मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से दिए गए भाषण के कुछ ही क्षण बाद अपने भाषण में सिंह को निशाने पर लिया. अपने स्वत: स्फूर्त भाषण में मोदी ने पाकिस्तान और चीन को भारत के जवाब, भ्रष्टाचार, देश की अर्थव्यवस्था की हालत तथा खाद्य सुरक्षा विधेयक समेत विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री की आलोचना की.
उन्होंने कहा,‘‘ राष्ट्र बदलाव के लिए बेचैन है.’’ उन्होंने कहा,‘‘ आप एक बड़े देश पर राज कर रहे हैं,हम एक छोटे राज्य को संभाल रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री को दिल्ली में बैठी सरकार और हमारी सरकार के बीच विकास तथा बेहतर प्रशासन के मुद्दे पर सार्वजनिक बहस की चुनौती देता हूं. मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी तथा आज दिए गए प्रधानमंत्री के भाषणों के बीच तुलना की और अपने भाषण में पाकिस्तान के बारे में कड़ा रुख नहीं अपनाने के लिए मनमोहन सिंह की आलोचना की.
मोदी ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति हमारे पांच सैनिकों के मारे जाने के मुद्दे पर चिंता जाहिर कर चुके हैं. मुझे उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री इसी प्रकार की चिंता जताएंगे लेकिन वह कड़ी बात करने में विफल रहे.’’मुखर्जी ने कल पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि ‘‘संयम की सीमा होती है’’ और आतंरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा क्षेत्रीय अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए ‘‘जरुरी कदम ’’ उठाए जाएंगे. प्रधानमंत्री के भाषण को ‘‘बड़ी निराशा’’ बताते हुए मोदी ने कहा कि इसमें कोई जान नहीं थी और यह किसी प्रकार की प्रेरणा देने में विफल रहा है.
गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मुझे इस बात पर हैरानी होती है कि सर्वाधिक बार राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाली हस्तियों में आपका नाम शामिल हो रहा है लेकिन आप वही बातें कर रहे हैं जो पंडित नेहरु ने राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कही थीं.’’ मोदी ने कहा कि सिंह आज भी उन्हीं समस्याओं और चिंताओं का उल्लेख कर रहे हैं जिनका जिक्र नेहरु ने अपने पहले भाषण में किया था. उन्होंने सवाल किया, सवाल यह उठता है कि आपने पिछले 60 साल में क्या किया. यदि हालात में मामूली सा बदलाव भी नहीं आया है तो आपने क्या किया है ?’’मौजूदा आर्थिक हालात के लिए प्रधानमंत्री पर बरसते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ श्रीमान प्रधानमंत्री , आपने देश की वर्तमान आर्थिक हालत का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव की बात की. लेकिन मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि रुपये की कीमत जिस तरह से गिर रही है,यह संकट की ओर जा रहा है, उसके लिए कौन जिम्मेदार है ?’’