चंडीगढ़: पाकिस्तान के उच्चायुक्त सलमान बशीर आज कैदी सनाउल्ला को देखने पीजीआईएमईआर में गए और कहा कि उसके बचने की उम्मीद ‘‘कम’’ है. जम्मू जेल में एक अन्य कैदी के साथ झड़प में सनाउल्ला गंभीर रुप से जख्मी हो गया था.
दोनों देशों से धैर्य रखने और मामले को तूल नहीं देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल के चिकित्सक उसे बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तानी कैदी को देखने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बहरहाल बचने की उम्मीद कम है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति (सनाउल्ला रंजय की) गंभीर है.. बचने की उम्मीद कम है.’’ पीजीआईएमईआर के एक प्रवक्ता ने कहा कि रोगी की स्थिति कल की ही तरह है.
सनाउल्ला पर हमले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए बशीर ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि उसको वापस पाकिस्तान भेज दिया जाए.’’ उन्होंने कहा कि सरकार सनाउल्ला के परिवार को पीजीआईएमईआर आने की सुविधा मुहैया कराने पर काम कर रही है. उच्चायुक्त ने अन्य अधिकारियों के साथ रोगी को देखा और उसका उपचार कर रहे चिकित्सकों से उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल की.
उन्होंने कहा, ‘‘रोगी को जब यहां लाया गया तो उसकी स्थिति खराब थी.’’ बहरहाल संस्थान के मेडिकल बुलेटिन में कहा गया, ‘‘उसका मैटाबोलिक पैरामीटर अब स्थिर हो रहा है. आर्टेरियल ब्लड गैस संतोषजनक हैं. वह वेंटिलेटर पर है.’’ किसी भी घटना को रोकने के लिए पीजीआईएमईआर के अंदर एवं बाहर काफी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
पाकिस्तान के सियालकोट का रहने वाला 52 वर्षीय सनाउल्ला 1999 में गिरफ्तारी के बाद से ही टाडा के प्रावधानों के तहत आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है.