नयी दिल्ली : स्वाइन फ्लू की वजह से 41 और लोगों के मारे जाने के साथ ही देश भर में मृतकों का आंकडा आज 1,400 के पार चला गया जबकि पीडितों की संख्या 25,000 से अधिक हो गयी. साथ ही असम में बीमारी से मौत का पहला मामला सामने आया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार आठ मार्च तक स्वाइन फ्लू से मरने वाले लोगों की संख्या 1,401 थी जबकि प्रभावित लोगों की संख्या 25,681 दर्ज की गयी.
मंत्रालय के आंकडों के अनुसार स्वाइन फ्लू से सबसे ज्यादा 342 लोग गुजरात में मारे गये हैं जबकि प्रभावितों की संख्या 5,623 है. मृतकों की संख्या के लिहाज से राजस्थान दूसरे स्थान पर है जहां बीमारी से 330 लोग मारे गये हैं जबकि पीडितों की संख्या 5,994 है. असम के जोरहाट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (जेएमसीएच) में 59 साल के एक व्यक्ति की मौत होने के बाद राज्य में स्वाइन फ्लू से मौत का पहला मामला सामने आया है.
अस्पताल में स्वाइन फ्लू से ग्रस्त चार और लोग भर्ती हैं. जेएमसीएच के अधीक्षक नीलोत्पल भट्टाचार्य ने आज कहा कि कल रात स्वाइन फ्लू से जोरहाट जिला कोषागार के एक कर्मचारी के मरने के बाद अस्पताल ने अलर्ट जारी कर दिया. राज्य में अब तक कुल 10 लोगों के एच1एन1 विषाणु से ग्रस्त होने का पता चला है. महाराष्ट्र में 215 लोग बीमारी से मारे गए हैं जबकि पीडितों की संख्या 2,592 है. मध्य प्रदेश में 194 लोग मारे गए हैं जबकि बीमारी के 1,505 मामलों का पता चला है.
दिल्ली में अब तक 10 लोग बीमारी की भेंट चढ चुके हैं जबकि पीडितों की संख्या 3,527 दर्ज की गयी है. कर्नाटक में बीमारी से 55 लोग मारे गए हैं जबकि पीडितों की संख्या 1,707 है. तेलंगाना में यह संख्या क्रमश: 63 और 1,801 है. जम्मू-कश्मीर में बीमारी से 11 जबकि केरल में नौ लोग मारे जा चुके हैं. हरियाणा में स्वाइन फ्लू से 27 जानें गयी हैं जबकि पंजाब में यह संख्या 49 है. उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में स्वाइन फ्लू से 16-16 लोग मारे गए हैं.
पश्चिम बंगाल में बीमारी से 14 लोग जबकि तमिलनाडु में 12 लोग मारे गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 2009 में पूरे देश में स्वाइन फ्लू से 981 लोग मारे गए थे जबकि पीडितों की कुल संख्या 27,236 थी. मंत्रालय ने कहा कि 2010 में मृतकों की संख्या 1,763 जबकि पीडितों की संख्या 20,604 थी. 2011 में बीमारी से 75 लोग जबकि 2012 में 405 लोग मारे गए थे.