जम्मू:जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि राज्य सरकार ने किश्तवाड़ जिले में हुई साम्प्रदायिक झड़पों की न्यायिक जांच कराने का निर्णय लिया है.इन झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई थी और 20 अन्य लोग घायल हो गए थे. उमर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्वीटर डॉट कॉम पर लिखा, ‘‘ किश्वाड़ में हुईं झड़पों के बारे में सच्चाई का पता लगाने के लिए राज्य सरकार ने न्यायिक जांच का आदेश देने का निर्णय लिया है.’’
मुख्यमंत्री ने बताया कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जांच का नेतृत्व करेंगे और इसके निष्कर्ष को सार्वजनिक किया जाएगा.उन्होंने कहा, ‘‘ सच्चाई का पता लगाने के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश निश्चित समय सीमा में जांच करेंगे और उसे सार्वजनिक तौर पर साझा करेंगे.’’ जम्मू में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में आज यह निर्णय लिया गया. जम्मू के किश्तवाड़ में ईद के मौके पर साम्प्रदायिक झड़पें हुई थीं जो बाद में जम्मू और राजौरी समेत इलाके के अन्य हिस्सों में भी फैल गईं.
राज्य सरकार ने कठुआ और डोडा जिलों समेत जम्मू इलाके के अधिकतर हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया है और निषेधाज्ञा जारी कर दी है. इससे पहले राज्य सरकार ने मामले की जांच मंडलीय आयुक्त से कराने का आदेश दिया था और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दिए जाने का वादा किया था. उमर ने कल भाजपा पर राज्य में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल अगले साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘ मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे अपने राजनीतिक हितों को मानव हितों से उपर रखने वाले इन राजनीतिक दलों को अपनी भावनाओं से खिलवाड़ करने या स्थिति का लाभ उठाने की इजाजत न दें.’’
उमर ने हिंसा की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वायदा किया और लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की. उन्होंने कहा था, ‘‘इन दलों का पूरा मकसद 2008 के हालात बनाने का लगता है :जब अमरनाथ भूमि विवाद को लेकर आंदोलन हुआ था: ताकि वे संसदीय चुनावों में और फिर विधानसभा चुनावों में इसे भुना सकें.’’