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शांति भूषण के बयान से पार्टी का अंतर्कलह उजागर, कहा – अरविंद केजरीवाल छोड़ें पद

इलाहाबाद : आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य शांति भूषण दिल्ली विधानसभा में मिली अप्रत्याशित जीत के बाद भी शांत नहीं है. उन्होंने मांग की है कि अरविंद केजरीवाल दो-दो पदों पर बने हैं, अत:उन्हें संयोजक पद छोड़ देना चाहिए. कोई भी व्यक्ति पार्टी में दो पदों पर नहीं बना रह सकता. ऐसे में उन्हें […]

इलाहाबाद : आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य शांति भूषण दिल्ली विधानसभा में मिली अप्रत्याशित जीत के बाद भी शांत नहीं है. उन्होंने मांग की है कि अरविंद केजरीवाल दो-दो पदों पर बने हैं, अत:उन्हें संयोजक पद छोड़ देना चाहिए. कोई भी व्यक्ति पार्टी में दो पदों पर नहीं बना रह सकता. ऐसे में उन्हें संयोजक का पद योगेन्द्र यादव को दे देना चाहिए.

शांति भूषण की इस मांग ने पार्टी के अंदर जारी मतभेद को एक बार फिर उजागर कर दिया है. योगेन्द्र यादव और अरविंद केजरीवाल के बीच आपसी मतभेद किसी से छिपे नहीं है. एक वक्त था जब योगेन्द्र यादव ने अपनी नाराजगी चिट्ठी लिखकर जतायी थी फिर विवाद को शांत करने के उद्देश्य से केजरीवाल ने कहा था कि वह मेरे बड़े भाई जैसे हैं मुझे कान पकड़कर भी समझा सकते हैं. दोनों की पार्टी को आगे लेकर जाने की विचारधारा हमेशा से अलग रही है. यादव चाहते थे कि पार्टी दूसरे राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाग ले जबकि केजरीवाल सिर्फ दिल्ली पर फोकस करना चाहते थे.
शपथ लेते वक्त भी केजरीवाल ने कहा था कि हमारे कई सदस्य चाहते हैं कि हम दूसरे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाग लें लेकिन यह अंहकार है. ऐसे में शांति भूषण ने संयोजक पद के लिए योगेन्द्र यादव का नाम सुझाया है. उन्होंने जीत के बाद भी केजरीवाल की सहाहना नहीं की. उन्होंने कहा,अरविंद ने मायावती व मुलायम सिंह की तर्ज पर चुनाव लड़ा. जीत हासिल करने के लिए उन्होंने तानाशाही रवैया अपनाते हुए ‘आप का संविधान ताक पर रख दिया. चुनाव जीतने के लिए मुफ्त पानी, बिजली का बिल कम करने जैसे कई अनाप-शनाप वादे किए गए.
शांति भूषण ने मतदान के कुछ दिनों पहले भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार किरण बेदी को केजरीवाल से बेहतर बताया था. अब जब केजरीवाल चुनाव जीत गये हैं तो उनकी नीतियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं. उन्होंने माना कि योगेन्द्र यादव को पार्टी से किनारे करने की कोशिश की जा रही है. शांति भूषण भी पार्टी को देशव्यापी बनाने पर जोर दे रहे हैं. उन्होंने एक बार फिर केंद्र सरकार की तारीफ की और माना कि उनकी नीयत साफ है. जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी-गंठबंधन का भी उन्होंने स्वागत किया और कहा भाजपा धारा 370 के अपने विचारधारा से हटकर विकास की तरफ देख रही है यह काबिले तारीफ है.

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