नयी दिल्ली: यौन उत्पीडन के आरोपों का सामना कर रहे टेरी महानिदेशक आर. के. पचौरी पर दिल्ली की एक अदालत ने उनके टेरी कार्यालय परिसर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी और साथ ही उन्हें 27 मार्च तक गिरफ्तारी से राहत दे दी. पचौरी पर एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीडन के आरोप लगाए हैं.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजकुमार त्रिपाठी ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देते हुए पचौरी को मामले में गवाह और शिकायकर्ता टेरी के कर्मचारियों से संपर्क करने से रोक दिया है.न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी को निर्देश दिया जाता है कि जांच के दौरान टेरी कार्यालय में नहीं जाएं. उन्हें यह भी निर्देश दिया जाता है कि वह टेरी के कर्मचारी, शिकायतकर्ता, गवाह से संपर्क नहीं करें या साक्ष्यों से छेडछाड नहीं करें और अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद जांच में शामिल हों.’’
अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी को यह भी निर्देश दिया जाता है कि अदालत की अनुमति के बगैर वह देश से बाहर नहीं जाएं. उन्हें सुनवाई की अगली तारीख यानी 27 मार्च तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर अंतिम सुनवाई 27 मार्च को होगी.’’
पचौरी की तरफ से उपस्थित होने वाले वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने न्यायाधीश से आग्रह किया कि स्थगन को 28 मार्च तक बढाया जाए क्योंकि कुछ व्यवस्तताओं की वजह से वह अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकेंगे.