श्रीनगर : भगवान शिव की भगवा वस्त्र से सजी पवित्र छड़ी को आज छोटी पहाड़ी पर स्थित प्राचीन ‘शारिका-भवानी’ मंदिर में पूजा के लिए ले जाया गया. यह वार्षिक अमरनाथ यात्रा से जुड़ी एक प्राचीन परंपरा का हिस्सा है. इस पवित्र छड़ के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरी ‘श्रवण शुक्ल पक्ष प्रदिपद’ के अवसर पर इसे ‘त्रिपुरसुंदरी’ के नाम से प्रसिद्ध देवी ‘शारिका-भवानी’ के मंदिर में पूजापाठ के लिए लेकर गए. यह मंदिर हरि पर्बत पहाड़ी पर स्थित है.
इस देवी को श्रीनगर शहर की ‘ईष्ट देवी’ माना जाता है जो हरि पर्बत पर एक ‘शिला’ में समा गई थीं. गिरी द्वारा 2004 में स्थापित ‘ट्रू ट्रस्ट’ के प्रवक्ता ने कहा कि कई साधुओं और श्रद्धालुओं के साथ गिरि ने इस पवित्र छड़ को इसके मूल स्थान बडशाह चौक इलाके के दशनमी अखाड़ा से लेकर मंदिर में इसकी विशेष पूजा अर्चना की.उन्होंने कहा कि पारंपरिक ‘छड़ी पूजन’ आगामी 11 अगस्त को नागपंचमी के अवसर पर बडशाह चौक स्थित अखाड़ा इमारत के श्री अमरेश्वर मंदिर में किया जाएगा. दशनमी अखाड़ा में छड़ीपूजन के बाद गिरी इसे 21 अगस्त को श्रवण पूर्णिमा के अवसर पर अमरनाथ गुफा में ले जाएंगे. यह 55 दिवसीय अमरनाथ यात्रा के समापन का प्रतीक होगा.
श्रीनगर से अमरनाथ गुफा के लिए इस पवित्र छड़ को 16 अगस्त को ले जाया जाएगा. 28 जून को शुरु हुई अमरनाथ यात्रा में अब तक 3.45 लाख से भी ज्यादा तीर्थयात्री भोलेनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं.