नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर इलाके में रेत माफिया के खिलाफ सख्ती करने वाली निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के खिलाफ सारी कार्यवाही निरस्त करने के लिये आजसुप्रीम कोर्टमें एक जनहित याचिका दायर की गयी. यह जनहित याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है. याचिका में निलंबित अधिकारी के खिलाफ सारी कार्यवाही निरस्त करने का अनुरोध किया गया है.
शर्मा ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाया है. याचिका के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा की इस 28 वर्षीय अधिकारी के खिलाफ की गयी कार्रवाई मनमानी, दुर्भावनापूर्ण और असंवैधानिक है.गौतम बुद्ध नगर में एसडीएम पद पर तैनात दुर्गा शक्ति नागपाल ने जिले में रेत माफिया के खिलाफ अभियान चला रखा था। उसे 27 जुलाई को नोएडा के एक गांव में निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार कानूनी प्रक्रिया का पालन किये बगैर ही गिराने का आदेश देने के कारण निलंबित कर दिया गया.
उत्तर प्रदेश सरकार ने 4 अगस्त को दुर्गा शक्ति नागपाल को आरोप पत्र भी थमा दिया जिस पर उसे अपना पक्ष रखने के लिये 15 दिन का वक्त दिया गया है. इस निलंबित आईएएस अधिकारी के समर्थन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि इस अधिकारी के साथ अनुचित व्यवहार नहीं होना चाहिए.प्रधान मंत्री ने कल कहा था कि केंद्र सरकार इस मसले पर निरंतर राज्य सरकार के सपंर्क में है और प्रतिपादित नियमों का पालन किया जायेगा. केंद्र सरकार ने भी 4 अगस्त को उत्तर प्रदेश सरकार से नागपाल के निलंबन के मसले पर रिपोर्ट मांगी थी.