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पुराना मामला खोलने की सजा तबादला!

जयपुर: राजस्थान में सत्तारुढ़ दल कांग्रेस के विधायक के पिता का पुराना मामला दोबारा खोलने के महज दो दिन बाद ही एक आईपीएस अधिकारी का तबादला कर दिया गया. विधायक के पिता कथित तौर पर तस्करी और अन्य असामाजिक कार्यों में लिप्त बताए गये हैं. जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी को अजमेर के किशनगढ़ […]

जयपुर: राजस्थान में सत्तारुढ़ दल कांग्रेस के विधायक के पिता का पुराना मामला दोबारा खोलने के महज दो दिन बाद ही एक आईपीएस अधिकारी का तबादला कर दिया गया. विधायक के पिता कथित तौर पर तस्करी और अन्य असामाजिक कार्यों में लिप्त बताए गये हैं.

जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी को अजमेर के किशनगढ़ में पुलिस प्रशिक्षण सेवा कमांडेंट बनाकर भेजा गया है. राज्य सरकार द्वारा पुलिस अधिकारी का तबादला किए जाने के बाद जैसलमेर जिले में विरोध की भावना फैल गई है. लोगों ने वहां बंद का आह्वान किया और प्रदर्शन किए. जैसलमेर यहां (जयपुर) से करीब 575 किलोमीटर दूर है.

जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने कहा, ‘‘राज्य पुलिस विभाग के अधिकारी के तौर पर मैं जल्दी ही नई जगह चला जाउंगा.’’चौधरी ने कहा कि सुनहरे किले के शहर में अपराध बढ़ने के बाद उन्होंने 31 जुलाई को पोखरण के कांग्रेस विधायक सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर समेत कई लोगों की हिस्टरीशीट फिर से खोली है. उनका दो दिन बाद दो अगस्त को तबादला हो गया.

चौधरी का तबादला ऐसे वक्त पर हुआ है जबकि उत्तर प्रदेश सरकार नोएडा में रेत खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाने वाली आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के मामले से जूझ रही है. उत्तर प्रदेश की सपा सरकार ने गौतबुद्धनगर की एसडीएम नागपाल को 27 जुलाई को निलंबित कर दिया था.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि तबादला ‘सामान्य’ है और आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के तबादलों में कुछ और नहीं देखा जाना चाहिए.

चौधरी ने बताया कि फकीर के खिलाफ पहली बार हिस्टरीशीट 31 जुलाई 1965 को खोला गया था.आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी कहा कि हालांकि पुलिस की फाइल वर्ष 1984 में लापता हो गई. हिस्टरीशीट को छह वर्ष बाद 1990 में फिर से खोला गया लेकिन मई 2011 में एएसपी रैंक के एक अधिकारी ने उसे बंद कर दिया. उस दौरान एएसपी रैंक के अधिकारी के पास पुलिस अधीक्षक का चार्ज था.

चौधरी ने कहा, ‘‘इन्हीं तथ्यों ने सवाल खड़े किए हैं और फाइल फिर से खोलने के 48 घंटे के बाद मेरा तबादला हो गया.’’ आईपीएस अधिकारी का कहना है कि उनके द्वारा फकीर की हिस्टरीशीट खोलने और तबादले के बीच कोई संबंध हो सकता है.

अधिकारी ने कहा, ‘‘लेकिन मैं मानता हूं कि यह एक सरकारी आदेश है जिसका पालन किया जाना है. ऐसे आदेश किसी भी वक्त आ सकते हैं.’’ आईपीएस अधिकारी के कथित ‘असामयिक’ तबादले के खिलाफ जिले में आज बंद का आयोजन किया गया. पुलिस ने बताया कि उद्योगपतियों, होटल मालिकों और टूर ऑपरेटरों ने बंद रखा और तबादले के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए रैली निकाली.विशेष पुलिस शाखा के प्रभारी कैलाश मेघवाल ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि अपराध के खिलाफ कार्रवाई करने वाले ‘ईमानदार और समर्पित’ अधिकारी का राजनीतिक दबाव के कारण जानबूझ कर तबादला किया गया है. अधिकारी को अजमेर के किशनगढ़ में पुलिस प्रशिक्षण सेवा कमांडेंट बनकर भेजा गया है.

गाजी फकीर के पुत्र कांग्रेस विधायक सालेह मोहम्मद ने कहा कि यह पूरा मामला प्रतिद्वंद्वी भाजपा और आरएसएस द्वारा की गई ‘राजनीतिक साजिश’ की ओर इशारा करता है, जिसका लक्ष्य उनकी राजनीतिक पकड़ को कमजोर करना और उनके पिता की छवि धूमिल करना है.उन्होंने कहा कि यह चौथी बार है जब जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक ने फकीर की हिस्टरीशीट खोली है.

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