नयी दिल्ली : एक फोरेंसिक विशेषज्ञ ने आज दिल्ली की एक अदालत में कहा कि उबर कैब बलात्कार मामले में कैब से लिये गये नमूने का आरोपी और पीडिता के डीएनए से मिलान हो गया है. इस मामले में सीबीआई की केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ बी के महापात्र ने कहा, ‘कार से लिये गये खून के नमूनों से मिले डीएनए प्रोफाइल हमारी प्रयोगशाला में भेजे गये थे और फरियादी के नमूने से मेल खाते हैं.’
महापात्र ने कहा कि उन्होंने नमूनों की जांच की जिनमें खून, लार, नाखून, आरोपी का सीमन, पीडिता का वेजाइनल स्वाब शामिल हैं जो मेडिकल जांच के दौरान डॉक्टरों ने एकत्रित किये. विशेषज्ञ ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष कहा कि उन्होंने उस स्विफ्ट डिजायर कार का निरीक्षण किया था जिसमें 5 दिसंबर, 2014 की रात को कथित घटना घटी थी. उन्होंने डीएनए परीक्षण के लिए नमूने लिये थे.
विशेष सरकारी अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि विशेषज्ञ ने अभियोजन पक्ष के बयान का समर्थन किया है और डीएनए विश्लेषण समेत वैज्ञानिक रिपोर्ट का समर्थन किया है. फोरेंसिक विशेषज्ञ ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि कई नमूने 32 वर्षीय आरोपी कार चालक शिव कुमार यादव की डीएनए प्रोफाइलिंग से मेल खाने वाले नहीं रहे.
विशेषज्ञ के बयान अधूरे रहे और बचाव पक्ष के वकील द्वारा उनसे जिरह कल जारी रहेगी. अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस के दो अधिकारियों के बयान भी दर्ज किये. अदालत ने इससे पहले 23 गवाहों के बयान दर्ज किये थे.