नयी दिल्ली :अलग तेलंगाना राज्य के गठन पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मुहर लगते ही कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. आंध्र प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता एन तुलसी रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया है.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार तेलंगाना गठन को लेकर जीओएम का गठन करेगी, जिसकी रिपोर्ट कैबिनेट के सामने रखी जायेगी. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद तेलंगाना गठन का प्रस्ताव संसद में पेश होगा, उसके बाद ही अलग राज्य अस्तित्व में आयेगा.कांग्रेस में जारी घमासान के बीच आज कैबिनेट की बैठक टाल दी गयी है.
तेलंगाना राज्य के गठन की सिफारिश करने के फैसले के विरोध में विशाखापटनम जिलेकेपेंडुर्थी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि ,विधायक पी रमेश बाबू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
बाबू ने यहां बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष नादेंदला मनोहर को फैक्स के जरिये कल रात ही भेज दिया था.
रमेश बाबू ने कहा ,मैं संयुक्त आंध्र प्रदेश का पक्षधर हूं. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि वह आंध्र प्रदेश का बंटवारा करने के और उसमें से एक पृथक तेलंगाना राज्य का निर्माण किए जाने के पार्टी के फैसले से दुखी हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस और संप्रग ने कल आम सहमति से तेलंगाना गठन का फैसला किया था, जबकि गैर तेलंगाना क्षेत्र के नेताओं ने इसका मुखर और जबरदस्त विरोध किया.
कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्यसमिति ने कल अपनी बैठक में केंद्र सरकार से यह सिफारिश करने का फैसला किया कि राज्य के 29 में से 10 जिलों को मिलाकर पृथक तेलंगाना राज्य का गठन किया जाए. इसके अनुसार हैदराबाद अगले दस वर्ष तक इस नए पृथक राज्य और रायल तथा आंध्र क्षेत्रों की संयुक्त राजधानी रहेगा और इस अवधि के दौरान सीमांध्र क्षेत्र में आंध्र के लिए नयी राजधानी की पहचान की जायेगी.