नयी दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री के साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी कि भारत और अमेरिका के बीच परमाणु करार संपन्न हो गया है. विदेश सचिव सुजाता सिंह ने इसकी जानकादी देते हुए कहा, दोनों देशों के बीच परमाणु करार में आ रही बाधाओं को दूर कर लिया गया है.
Foreign Secretary Sujatha Singh on Indo-US Nuke deal #ObamaInIndia https://t.co/FCCaHBINXv
— ANI (@ANI) January 25, 2015
इस बाधा को दूर करने के लिए तीन बैठकों में बातचीत का आयोजन किया गया है और सभी पहलुओं पर चर्चा हुई. इसके अलावा 3 एएमयू पर हस्ताक्षर हुए हैं. जिसमें तीन स्मार्ट सिटी पर सहमति बनी. रक्षा क्षेत्र में भी सहमति बनी और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी विशेष चर्चा हुई. 4 इश्योरेंस कंपनियां 750 करोड़ रूपये देगी और बाकी का भार भारत सरकार उठायेगी.भारत और अमेरिका के बीच विवादास्पद असैन्य परमाणु दायित्व मुद्दे पर सहमति बनी.
ओबामा ने इसे एक ‘‘कामयाबी’’ करार दिया, जिसके अंतर्गत दोनो देशों ने इस महत्वपूर्ण समझौते के कार्यान्वयन के रास्ते में आ रही कुछ बाधाओं को हटाने पर सहमति जताई. इनमें हादसे की सूरत में परमाणु रिएक्टर की आपूर्ति करने वाले देश की जिम्मेदारी और इसके प्रस्तावित परमाणु संयंत्रों के लिए अमेरिका और अन्य देशों द्वारा सप्लाई किए गए इ’धन पर नजर रखने जैसे मुद्दे शामिल हैं.
विदेश सचिव सुजाता सिंह ने ओबामा और मोदी के बीच निर्धारित अवधि से कहीं अधिक तकरीबन तीन घंटे तक चले विचार विमर्श के बाद कहा, ‘‘ हमने पिछले कुछ वषो’ से चले आ रहे गतिरोध को तोड दिया है. हम समझौते पर पहुंच गए हैं. समझौता संपन्न हुआ.’’
भारत और अमेरिका डिजिटल भारत पर सहयोग करेंगे.भारत और अमेरिका देश में जेट इंजन के विकास की संभावनाओं का पता लगाने पर सहमत हुए.यह पूछे जाने पर कि क्या वार्ता के दौरान पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद भी आया, विदेश सचिव ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर काफी चर्चा हुई.
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ यहां प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रपति ओबामा और मैं इस बात से सहमत हैं कि हमारे मजबूत और बढ रहे आर्थिक संबंध हमारी रणनीतिक भागीदारी का बहुत अहम हिस्सा हैं. दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और मजबूत हो रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम द्विपक्षीय निवेश समझौते पर संवाद पुन: आरंभ करेंगे। हम सामाजिक सुरक्षा पर भी फिर से चर्चा शुरु करेंगे जो अमेरिका में काम कर रहे लाखों भारतीय पेशेवरों के लिये महत्वपूर्ण है.’’ मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यावसायिक वातावरण में सुधार हो रहा है और इस कारण वह दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को लेकर ‘‘अत्यधिक आशावान’’ हैं.
प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय निवेश समझौता वार्ता फिर से शुरु करने पर सहमति की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘..हमने अवसरों की पहचान करने के लिये तथा दोनों देशों के बीच कारोबार, व्यापार और निवेश में सहूलियत के लिये कई प्रभावी द्विपक्षीय तंत्र स्थापित किये हैं.’’गौरतलब है कि भारत एक-दूसरे के यहां अस्थायी तौर पर काम के लिये जाने वाले लोगों पर सामाजिक सुरक्षा के खाते में अंशदान के मुद्दे पर अमेरिका के साथ समझौते (टोटलाइजेशन समझौता) पर बातचीत जल्द संपन्न करना चाहता है.