24.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पाक से भारत आये आठ आतंकवादी, 28 से पहले कर सकते हैं हमला

मुंबई : इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) ने अलर्ट जारी कर कहा है कि पाकिस्तान समर्थित जिहादी 28 जनवरी से पहले बड़े आतंकवादी हमले कर सकते हैं. महाराष्ट्र और खासकर मुंबई पुलिस को भेजे अलर्ट में कहा है कि जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के चार दस्ते भारत के लिए रवाना हो चुके हैं. अलर्ट के […]

मुंबई : इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) ने अलर्ट जारी कर कहा है कि पाकिस्तान समर्थित जिहादी 28 जनवरी से पहले बड़े आतंकवादी हमले कर सकते हैं. महाराष्ट्र और खासकर मुंबई पुलिस को भेजे अलर्ट में कहा है कि जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के चार दस्ते भारत के लिए रवाना हो चुके हैं. अलर्ट के मुताबिक, चार आतंकी दस्तों में पहली टीम महाराष्ट्र, दूसरी राजस्थान, तीसरी यूपी और चौथी ओड़िशा को टारगेट बनाने की फिराक में है.

आइबी से मिली जानकारी के बाद मुंबई को हाई अलर्ट कर दिया गया है. खुफिया एजेंसी के मुताबिक, मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर आतंकियों के निशाने पर होगा. हमला मंगलवार को हो सकता है, क्योंकि उस दिन मंदिर और आसपास के इलाके में भारी भीड़ होती है. मुंबई को निशाना बनाने निकले आतंकी दस्ते का नेतृत्व अब्दुल्ला अल कुरैशी कर रहा है. इसके साथ नासिर अली, जावेद इकबाल, मोबिद जेमान और शमशेर नाम के आतंकी होंगे. सभी की उम्र 25 साल के करीब है.

जमात-उद-दावा और हक्कानी नेटवर्क पर पाक में बैन

इसलामाबाद : अमेरिकी दबाव और काफी ‘आनाकानी’ के बाद पाकिस्तान ने आखिरकार 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और कुख्यात हक्कानी नेटवर्क पर गुरुवार को प्रतिबंध लगा दिया. यह निर्णय अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्र से पहले की गयी है.

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि जमात-उद-दावा और कई गुटों पर प्रतिबंध का फैसला सरकार ने कई दिन पहले किया था. इसके कार्यान्वयन का तौर-तरीका तय करने का जिम्मा गृह मंत्रलय को सौंपा गया था. इसके बाद मंत्रलय ने जमात-उद-दावा तथा फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को चरमपंथ एवं उग्रवाद में उनकी संलिप्तता के लिए प्रतिबंधित संगठन की सूची में डाल दिया. दोनों गुटों का नेतृत्व हाफिज सईद करता है. पूर्व में एक अधिकारी ने कहा था कि सरकार जमात-उद-दावा को प्रतिबंधित गुट घोषित करने से पहले, उसका नाम ‘निगरानी सूची’ में डालेगी.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि अमेरिकी और अफगान अधिकारी बार-बार कहते रहे हैं कि पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आइएसआइ अफगानिस्तान में अपना प्रभाव फैलाने के लिए हक्कानी नेटवर्क को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देती है. इसलामाबाद इसका खंडन करता है. अमेरिका ने सितंबर, 2012 में हक्कानी नेटवर्क को आतंकी संगठन घोषित किया था

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें