नयी दिल्ली: सोनिया गांधी पर लिखी गई किताब ‘‘द रेड साडी’’ के लेखक जेवियर मोरो ने आज कहा कि उनकी किताब में कांग्रेस अध्यक्ष की जीवनी नहीं लिखी है और उसमें उन्हें सकारात्मक अंदाज में पेश किया गया है. मोरो ने यह भी कहा कि कांग्रेस के ‘‘घटिया जनसंपर्क अधिकारियों’’ के कारण चार साल पहले यह किताब भारत में प्रकाशित नहीं हो सकी.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस किताब पर बवाल मच जाएगा. यह राजनीतिक किताब नहीं है. मैंने तो बस इटली की एक ऐसी खास महिला की कहानी बयान करने के बारे में सोचा था जो बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से लेकर भारत की सबसे ताकतवर हस्तियों में से एक तक का सफर तय करती हैं.’’ साल 2008 में ‘‘एल सरी रोको: क्वांदो ल वीदे एसे अल प्रेसियो देल पोदेर’’ शीर्षक से स्पैनिश में प्रकाशित हुई ‘‘द रेड साडी: ए ड्रामाटाइज्ड बायोग्राफी ऑफ सोनिया गांधी’’ ने उस वक्त विवाद पैदा कर दिया था जब सोनिया के वकीलों ने किताब में लिखी गई बातों को ‘‘झूठ, अधूरा सच, गलतबयानी और मानहानि करने वाले बयान’’ करार दिया था और मोरो को 2010 में कानूनी नोटिस भी थमाया था.
मोरो ने दावा किया कि पीटर जे हार्न द्वारा अनुदित 455 पन्नों की किताब में मानहानि करने वाली कोई बात नहीं लिखी गई है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे एक भी चीज ऐसी नहीं मिली जिसके आधार पर मुकदमा दायर किया जा सके.’’
मोरो ने कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आया कि कांग्रेस ने किताब का विरोध क्यों किया था. उन्होंने कहा, ‘‘किताब में सोनिया गांधी को सकारात्मक तरीके से पेश किया गया है. मुझे अब भी हैरत हो रही है कि कांग्रेस इसे प्रकाशित करने के खिलाफ क्यों थी. कांग्रेस के घटिया जनसंपर्क अधिकारियों ने पूरे मामले को काफी बढा-चढाकर पेश किया था.’’