नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लौह अयस्क और कोयले को छोड अन्य खनिजों के खनन क्षेत्रों की नीलामी के लिए मंजूरी दे दी है. सरकारी सूत्रों यह जानकारी दी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश के प्रस्ताव को पांच जनवरी को मंजूरी दी थी.इस पर राष्ट्रपति की मुहर के साथ लौह अयस्क और अन्य खनिजों के पट्टों को प्रतिस्पर्धी बोलियों के आधार पर नीलाम करने का रास्ता साफ हो गया है. इससे परियोजना से प्रभावित लोगों के कल्याण के लिए जिला खनिज कोष बनाने में भी मदद मिलेगी.
सरकार को खानों के आवंटन के लिए अध्यादेश का रास्ता अख्तियार करने की जरुरत इसलिए पडी क्यों कि खान मंत्रालय संसद के शीतकालीन सत्र में खान एवं खनिज विकास एवं नियमन अधिनियम, 1957 में संशोधन के प्रस्ताव वाले विधेयक को पेश नहीं कर सका था.
गैर कोयला खनिज उद्योग के मंच फिमि ने इन खनिजों के पट्टे की नीलामी का मार्ग अपनाने का विरोधा कर रहा था. उसका कहना है कि इससे यह उद्योग तबाह हो जाएगा तथा इससे कार्टेल (गुट) बनाकर कारोबार करने प्रवृत्ति तथा अपव्यय बढेगा.
खान एवं खजिन विकास एवं नियमन संशोधन विधेयक, 2014 के मसौदे को सार्वजनिक चर्चा के लिए मंत्रलय की वेबसाईट पर डाला दिया गया था लेकिन इसे पिछले महीने समाप्त संसद के शीतकालीन सत्र में पेश नहीं किया जा सका.
इस अध्यादेश से प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन के संबंध में राज्यों को अधिक शक्ति मिलेगी. खनन क्षेत्र को पिछले कुछ सालों में न्यायालय के प्रतिबंध समेत कई समस्याओं से जूझना पडा है.पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने 2011 में भी विधेयक लाया था ताकि अधिनियम में संशोधन किया जा सके लेकिन इसकी अवधि पिछली लोकसभा के भंग होने के साथ खत्म हो गई.