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उमर अब्दुल्ला ने PDP को समर्थन की पेशकश की, क्या महबूबा मुफ्ती करेंगी मंजूर?
श्रीनगरः नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) ने आज कहा है कि वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को समर्थन देने के लिए तैयार है. इसको लेकर एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है.यह तो ठीक है कि एनसी ने अपनी बात जाहिर कर दी है लेकिन सवाल है कि क्या पीडीपी एनसी से […]
श्रीनगरः नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) ने आज कहा है कि वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को समर्थन देने के लिए तैयार है. इसको लेकर एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है.यह तो ठीक है कि एनसी ने अपनी बात जाहिर कर दी है लेकिन सवाल है कि क्या पीडीपी एनसी से समर्थन लेने के लिए तैयार है ?
पहले भी एनसी कर चुका है पेशकश
एनसी ने चुनाव परिणाम आने के बाद पिछले माह पीडीपी को राज्य में सरकार बनाने के लिए बिना शर्त समर्थन की पेशकश की थी. उन्होंने कहा था कि कुछ विश्वसनीय लोगों के जरिये यह पेशकश पीडीपी नेतृत्व को पहुंचाई गई है. अब अगर पीडीपी को समर्थन चाहिए तो उसे पहल करनी होगी.
पीडीपी ने बताया था सियासी चाल
पीडीपी ने एनसी के इस पेशकश का कोई जवाब नहीं दिया और कहा कि अगर एनसी सचमुच में गंभीर है तो उसे लिखित में समर्थन देने का एलान करना चाहिए. मौखिक एलान सिर्फ सियासी चाल है.
भड़की थी एनसी, कहा था हम पीडीपी से भीख नहीं मांग रहे
एनसी के प्रवक्ता जुनैद अजीम मटटु ने कहा था कि हमने पीडीपी को समर्थन के लिए कोई पत्र नहीं लिखा है और न उनके नेताओं के आग्रह पर हम यह लिखेंगे. हम पीडीपी से कोई भीख नहीं मांग रहे हैं कि वह हमारा समर्थन ले. पीडीपी अगर भाजपा या किसी अन्य दल के साथ सरकार बनाती है तो क्या उससे पहले कोई लिखित में आश्वासन ले रही है. क्या पीडीपी ने अपने नेता मुजफ्फर हुसैन को लिखित में अधिकार दिया है कि वह भाजपा से सरकार के गठन पर बातचीत करें.
समर्थन चाहिए तो खुद करे पहल
एनसी प्रवक्ता ने कहा था कि पीडीपी नेता जिससे चाहें उससे मिलकर सरकार बनाएं. इसके लिए उन्हें किसी की राय लेने की जरूरत नहीं है, लेकिन सरकार बनाने के लिए विधायक उनके पास नहीं है. इसलिए हम समर्थन दे रहे हैं. अब पीडीपी को समर्थन चाहिए तो उसे खुद पहल करनी होगी.
क्या पीडीपी तैयार होगी ?
आज उमर अब्दुल्ला ने तो पीडीपी के सामने उसे समर्थन देने की पेशकश कर दी है. लेकिन क्या पीडीपी उसके समर्थन को स्वीकार करेगी ?गौरतलब है कि कश्मीर अलगाववादी पहले कह चुके हैं कि जम्मू कश्मीर में दिल्ली समर्थित किसी भी पार्टी की सरकार नहीं चाहते हैं. उनका दलील था कि इससे जम्मू कश्मीर के लोगों के हितों की अवहेलना होगी. कश्मीरियों का अनादर होगा. ऐसे में एनसी की पेशकश को पीडीपी कहां तक स्वीकार कर पाएगा यह देखने की बात होगी.
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