।।कमलेश कुमार सिंह।।
नयी दिल्लीः चारा घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से राजद प्रमुख लालू प्रसाद को मिली राहत बरकरार है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति पी सतशिवम व न्यायमूर्ति रंजन गगोई की पीठ ने कहा कि अगर दोनों पक्ष किसी दूसरे जज के नाम पर सहमत होते हैं, तो संबंधित हाइकोर्ट को उस जज की नियुक्ति के लिए कहा जा सकता है. जस्टिस गगोई ने टिप्पणी की कि पहली नजर में यह आधार बनता है कि ट्रॉयल जज रिश्ते से प्रभावित हो सकते हैं.
एक हफ्ते का समय दिया
सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद के वकील राम जेठमलानी ने दूसरी अदालत में सुनवाई कराये जाने की याचिका के समर्थन में अतिरिक्त हलफनामा दर्ज करने के लिए एक हफ्ते के समय की मांग की. इस पर जस्टिस गगोई ने कहा : आपको जो कहना है, अभी क्यों नहीं कहते. आप क्यों मामले में देर कर रहे हैं? इसके बाद पीठ ने दोनों पक्षों को एक सप्ताह का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख छह अगस्त तय कर दी. वहीं जदयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के वकील रंजीत कुमार ने पीठ के समक्ष अरजी देकर कहा कि लालू प्रसाद अदालती फैसले में विलंब कराना चाहते हैं. मामले की सुनवाई में डेढ़ दशक का समय लग गया और फिर से नया जज सुनवाई करेंगे, तो इतना ही वक्त लग सकता है. ऐसे में फैसला शायद ही आ पाये.
उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत द्वारा फैसला सुनाने की तारीख 15 जुलाई तय करने के बाद लालू प्रसाद ने पहले झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की सुनवाई कर रहे कोर्ट के जज को बदलने की मांग की थी. दावा किया था कि उन्हें मौजूदा सीबीआइ जज से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि वे उनके राजनीतिक विरोधी जदयू के नेताओं के रिश्तेदार हैं. हाइकोर्ट द्वारा याचिका खारिज करने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. गत नौ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए फैसला सुनाने पर अंतरिम रोक लगा दी थी.