अहमदाबाद : नर्मदा नदी के पानी की बदौलत सालों भर बहने वाली साबरमती नदी के प्रवाह को आगे भी बनाए रखने के लिए अहमदाबाद नगर निगम :एएमसी: ने अब इसमें शहर का शोधित किया हुआ मलजल छोड़ने प्रस्ताव रखा है.
सरदार सरोवर बांध के नहरों का काम पूरा हो जाने के बाद साबरमती को नर्मदा से पानी नहीं मिलेगा. महापात्र ने कहा, फिलहाल हमारे पास पिराना :शहर के बाहरी हिस्सा: में 860 एमएलडी :दस लाख प्रति दिन: क्षमता वाला द्वितीयक प्रशोधन संयंत्र है, जहां मलजल का शोधन होता है. उन्होंने बताया कि पिराना में ही नवीनतम प्रोद्यौगिकी का उपयोग कर 60 एमएलडी की क्षमता वाला एक तृतीयक प्रशोधन संयंत्र लगाया जाएगा, जो पिराना और साबरमती नदी में गिरने वाली नालियों के पानी को शोधित करके नदी में छोड़ेगा.
उन्होंने कहा, इससे नदी को प्रतिदिन 150 एमएलडी शोधित जल मिलने की उम्मीद है, जो नर्मदा से पानी नहीं मिलने की स्थिति में भी साबरमती का प्रवाह बरकरार रखेगी.
महापात्र ने कहा कि साबरमती को शेधित जल से लबालब रखने के अलावा, यह जलीय जीवन को किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए साफ पानी भी मुहैया कराएगा. फिलहाल ये किसान जिस पानी से खेतों की सिंचाई कर रहे हैं, वह बेहद जहरीला है.
अधिकारी ने बताया कि द्वितीयक मलजल शोधन संयंत्र में प्रति हजार लीटर जल शोधन की लागत एक से दो रपए तक आएगी.