नयी दिल्ली : फ्रांस की राजधानी पेरिस में अभी-अभी एक साप्ताहिक पत्रिका के दफ्तर पर आतंकियों के द्वारा किये गए हमले में अब तक 12 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है. फ्रांस में हुई इस भीषण आतंकी वारदात पर भारत की तरफ से प्रतिक्रिया देते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेरिस में हुए इस आतंकी हमले को निंदनीय और घिनौना करार देते हुए कहा कि हम फ्रांस के लोगों के साथ हैं. अभी-अभी मिली जानकारी के मुताबिक फ्रांस के इंटीरियर मिनिस्टर ने हमलावरों की संख्या तीन बताई है. पहले ये संख्या दो मानी जा रही थी.
इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि हमलावरों को को फ्रेंच भाषा की अच्छी जानकारी थी. इस हमले के दौरान उन्होंने फ्रेंच में ही कुख्यात आतंकवादी संगठन अल-कायदा का नाम लिया. उन्होंने कहा कि वे लोग अल-कायदा से जुड़े हैं.
भारतीय समयानुसार आज शाम फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक फ्रांसीसी व्यंग्यात्मक साप्ताहिक पत्रिका शार्ली एबदो के दफ्तर में स्वचालित रायफल और एक रॉकेट लॉंचर से लैस सशस्त्र हमलावरों ने गोलीबारी की जिसमें कम से कम 12 लोग मारे गए हैं. फ्रांस की प्रमुख मीडिया एजेंसी एएफसी ने ट्विटर पर हमलावरों की तस्वीर जारी की है.
Armed gunmen face police officers near the offices of the satirical newspaper #CharlieHebdo Photo: Anne Gelbard #AFP pic.twitter.com/k669PHgVw5
— AFP Photo Department (@AFPphoto) January 7, 2015
अभियोजन कार्यालय ने बताया कि फिलहाल 12 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. हालांकि घायलों का ब्योरा अभी नहीं दिया गया. पेरिस के डिप्टी मेयर ब्रुनो जुलियार्ड ने इससे पहले बताया था कि एक पुलिसकर्मी सहित छह लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि इनकी मृतकों में गिनती की गई है या नहीं.
फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद घटनास्थल रवाना हो गए हैं और उन्होंने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. जांच कार्य से करीबी रुप से जुडे एक सूत्र ने बताया कि एक स्वचालित राइफल ‘कालशनीकोव’ और एक रॉकेट लॉंचर लिए दो सशस्त्र लोगों ने मध्य पेरिस स्थित इमारत में धावा बोला तथा सुरक्षा बलों के साथ उनकी मुठभेड हुई.
सूत्र ने बताया कि बंदूकधारियों ने एक कार को अगवा किया और एक राहगीर से इसे तेजी से चलाने को कहा. काटूर्निस्ट रेनॉड लुजियर ने इससे पहले एएफपी को बताया कि घटना के बाद कुछ लोग हताहत हुए हैं.
यह पत्रिका फरवरी 2006 में पैगंबर मुहम्मद का विवादास्पद कार्टून छापने को लेकर चर्चा में आई थी, जिसे इस्लाम में ईशनिंदा माना जाता है. हालांकि, यह मूल रुप से डेनिश अखबार जेलैंड्स पोस्टन में प्रकाशित हुआ था, जिसे इस पत्रिका ने दोबारा प्रकाशित किया. इस कार्टून को लेकर मुस्लिम जगत में रोष छा गया था.
इसके कार्यालयों पर नवंबर 2011 में भी गोलीबारी हुई थी और बम फेंके गए थे, जब इसने पैगंबर का कार्टून ‘शरिया एबदो’ शीर्षक के तहत प्रकाशित किया था. नस्लवाद रोधी कानूनों को लेकर अदालत ले जाए जाने के बावजूद पत्रिका ने पैगंबर के कार्टून प्रकाशित करना जारी रखा.
सितंबर 2012 मेंशार्ली एबदोने पैगंबर के कार्टून प्रकाशित किए, वहीं ‘इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स’ नाम से एक कम बजट की फिल्म आने पर कई देशों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. यह फिल्म अमेरिका में बनी थी और इसमें पैगंबर का अपमान किया गया था.
मुस्लिम देशों में फ्रांसीसी स्कूल, वाणिज्य दूतावास और सांस्कृतिक केंद्र जवाबी हमले की आशंका के मद्देनजर संक्षिप्त अवधि के लिए बंद कर दिए गए हैं. इस पत्रिका के संपादक स्टीफन चारबोनियर को पहले ही जान से मारने की धमकियां मिली थीं और ताजा जानकारी के मुताबिक इस हमले में इस पत्रिका के चार कार्टूनिस्ट के अलावा इसके संपादकस्टीफन चारबोनियर कीभी हत्या हो गयी है.