नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों को तेजाब तथा अन्य क्षयकारक पदार्थों की बिक्री के नियमन के लिए तीन माह के अंदर कानून बनाने तथा तेजाब हमलों को गैरजमानती अपराध बनाने का आदेश दिया.
उच्चतम न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि तेजाब हमलों के पीडि़तों को संबद्ध राज्य सरकार की ओर से इलाज एवं पुनर्वास के खर्च के तौर पर 3 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जानी चाहिए.
न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा की अगुवाई वाली एक पीठ ने कहा कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश केंद्र सरकार द्वारा तैयार आदर्श मसौदा नियमावली (मॉडल ड्रॉफ्ट रुल्स) के आधार पर दिशानिर्देश जारी करें.
अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने तेजाब की बिक्री को नियमित नहीं किया है.
पीठ ने कहा कि संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों और प्रत्येक केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासकों को इस आदेश का शीघ्रता से पालन सुनिश्चित करना चाहिए और केंद्र सरकार की ओर से आदर्श मसौदा नियमावली मिलने के तीन माह के अंदर कानून बनाना चाहिए.
साथ ही पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों से मिल कर काम करने तथा विष अधिनियम, 1919 (पॉयजन एक्ट, 1919) के तहत आवश्यक कानून बनाने के लिए कहा ताकि तेजाब हमलों को गैर जमानती अपराध बनाया जा सके.
तेजाब हमले की शिकार दिल्ली निवासी लक्ष्मी की वर्ष 2006 में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने तेजाब की बिक्री सहित विभिन्न मुद्दों पर कई अंतरिम दिशानिर्देश भी जारी किये.
उच्चतम न्यायालय की पीठ ने 17 राज्यों और 7 केंद्रशासित प्रदेशों की क्षतिपूर्ति संबंधी योजनाओं के बारे में कहा कि दी जा रही राशि पूरी तरह नाकाफी है.
पीठ ने कहा इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि तेजाब हमलों के पीडि़तों को कई बार प्लास्टिक सर्जरी और अन्य इलाज की जरुरत होती है.
इसे देखते हुए सॉलिसीटर जनरल ने हमें सुझाव दिया कि राज्यों द्वारा तेजाब हमले के पीडि़तों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि बढ़ा कर कम से कम 3 लाख रुपये की जानी चाहिए.
न्यायालय ने कहा सुझाव बिल्कुल स्पष्ट है. इसके आधार पर हम आदेश देते हैं कि संबद्ध राज्य सरकार तेजाब हमला पीडि़तों को उनके इलाज और पुनर्वास के खर्च के लिए कम से कम 3 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दे.
पीठ ने यह भी कहा कि 3 लाख रुपये की अनुग्रह राशि में से एक लाख रुपये हमले की जानकारी राज्य सरकार को मिलने के 15 दिन के अंदर दे दिए जाएंगे.
न्यायालय ने आगे कहा शेष 2 लाख रुपये संबद्ध राज्य सरकार या केंद्र सरकार घटना के दो माह के भीतर दे दे.
साथ ही पीठ ने कहा कि इस आदेश की अनुपालना क्रमश: राज्यों के मुख्य सचिव और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासक सुनिश्चित करें.
अपने अंतरिम दिशानिर्देशों में पीठ ने कहा कि तेजाब और अन्य क्षयकारी पदार्थों के लाइसेंसधारी विक्रेताओं को ऐसी सामग्री की बिक्री के बारे में पूरे ब्यौरे का रिकॉर्ड रखना होगा.
पीठ ने कहा कि ब्यौरे वाले रजिस्टर में उन लोगों के पते होने चाहिए जिन्हें ऐसे पदार्थों की बिक्री की गयी.