नयी दिल्ली : वर्ष 2008 में हुई बटला हाउस मुठभेड़ के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध सदस्य शहजाद अहमद ने आज दिल्ली की एक अदालत के समक्ष दावा किया कि गवाहों ने उस फ्लैट में रहने वाले लोगों का कोई विवरण नहीं दिया है जहां कथित मुठभेड़ हुई थी. शहजाद के वकील ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार शास्त्री के समक्ष अपनी अंतिम जिरह में कहा कि किसी भी राहगीर या स्थानीय व्यक्ति से छापामार टीम में शामिल होने के लिए नहीं कहा गया.
बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी, ‘‘अभियोजन पक्ष के किसी भी गवाह ने कथित हमलावरों..फ्लैट में रहने वालों के बारे में प्राथमिकी में कोई विवरण नहीं दिया है.’’ उन्होंने कहा कि पुलिस को अपने अभियान में शामिल होने के लिए स्थानीय लोगों या राहगीरों से कहना चाहिए था, ताकि मुकदमे के दौरान अभियोजन उन्हें समूचे घटनाक्रम के चश्मदीद गवाह के रुप में बुलाता.वकील ने यह भी तर्क दिया कि शहजाद की मौजूदगी के बारे में कोई सबूत नहीं है, सिवाय उसके पासपोर्ट को छोड़कर. उन्होंने कहा, ‘‘यदि वह फ्लैट में रह रहा था तो उसके कपड़े या अन्य सामान कहां है ?’’शहजाद के वकील की ओर से अंतिम जिरह कल भी जारी रहेगी. अभियोजन ने अपनी दलील 2 जुलाई को पूरी कर ली थी.