लखनऊ:सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने पार्टी में बढ़ती अनुशासनहीनता पर काबू पाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के जातीय रैलियां और सम्मेलन करने पर बैन लगाने संबंधी निर्णय की आड़ लेकर पार्टी के सभी जातीय प्रकोष्ठ भंग करने का निर्णय ले लिया. सोमवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के सांसद भाई रामगोपाल यादव ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों को इस निर्णय की जानकारी एक परिपत्र के जरिए दी.
पार्टी सूत्रों के अनुसार बीते रविवार को देर रात मुलायम सिंह यादव ने अपने पार्टी सांसद रामगोपाल यादव, लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव तथा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ पार्टी संगठन को चुस्त दुरूस्त करने को लेकर विचार-विमर्श किया था. जिसमें पार्टी के ब्राह्मण प्रकोष्ठ सहित विभिन्न जातियों को एकजुट करने के लिए बनाए गए जातीय प्रकोष्ठ भंग करने का निर्णय लिया गया. समाजवादी पार्टी में जाति के आधार पर ब्राह्मण सभा, अति पिछड़ा सभा जैसे कई प्रकोष्ठ बने हुए थे. सोमवार को इन सभी प्रकोष्ठ को खत्म करने की घोषणा की गई. इस संबंध में जारी परिपत्र में पार्टी पदाधिकारियों को बताया गया कि जाति के आधार पर कोई भी प्रकोष्ठ अब समाजवादी पार्टी में नहीं रहेगा.
सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दल के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा जारी निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए पार्टी के 14 प्रकोष्ठों के अलावा चलाए जा रहे सभी संबद्ध संगठनों को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है. उन्होंने बताया कि खत्म किए गए संगठनों में समाजवादी ब्राह्मण सभा, समाजवादी बौद्धिक सभा, समाजवादी विकलांग सभा तथा समाजवादी शब्द जोड़कर बनाए गए व्यापार संगठन शामिल हैं.
सपा की इस कवायद को विपक्षी दल छवि बदलने की मुहिम बता रहे हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी के अनुसार समाजवादी पार्टी में अनुशासनहीनता चरम पर पहुंच गई है. जिसे रोकने के लिए सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को वाहनों में मिशन 2014 का स्टीकर लगाने से मना किया. यह भी कहा कि यदि किसी कार्यकर्ता के वाहन में ऐसे स्टीकर लगे पाए जाएंगे तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, पर सपा प्रमुख के इस निर्देश को पार्टी कार्यकर्ताओं तथा पदाधिकारियों ने नहीं माना. यही नहीं पार्टी के तमाम पदाधिकारी अपने रुतबे का रोब नौकरशाहों डालने लगे. जिसकी जानकारी जब सपा प्रमुख को हुई तो उन्होंने ऐसे पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं पर अंकुश लगाने के लिए हाईकोर्ट के फैसले की आड़ लेकर पार्टी के सभी जातीय प्रकोष्ठ भंग कर दिए. ताकि जनता में यह संदेश जाए कि सपा जातीय राजनीति से दूर रहती है. जबकि हकीकत यह है कि बसपा की तरह ही सपा भी जातीय राजनीति करती है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान को सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी जवाब देने योग नहीं मानते.
।।राजेन्द्र कुमार।।