नयी दिल्ली : पाकिस्तान को एक ‘विफल होता राष्ट्र’ करार देते हुए पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन ने कहा कि मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता और लश्कर ए तैय्यबा आतंकवादी जकी-उर-रहमान लखवी को सजा देना पाकिस्तान की साख की ‘अग्निपरीक्षा’ है और इस परीक्षा में उसके पास होने की बेहद क्षीण संभावना […]
नयी दिल्ली : पाकिस्तान को एक ‘विफल होता राष्ट्र’ करार देते हुए पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन ने कहा कि मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता और लश्कर ए तैय्यबा आतंकवादी जकी-उर-रहमान लखवी को सजा देना पाकिस्तान की साख की ‘अग्निपरीक्षा’ है और इस परीक्षा में उसके पास होने की बेहद क्षीण संभावना है.
रावलपिंडी की एक अदालत द्वारा कल लखवी को जमानत दिए जाने के बाद भारत में पैदा हुए आक्रोश के बीच नारायणन ने यह बात कही है. एहतियातन हिरासत कानून के तहत पाकिस्तान सरकार ने तीन महीने के लिए लखवी के जेल से बाहर आने पर रोक लगा दी है.
हेडलाइंस टुडे के ‘टू दी प्वाइंट’ कार्यक्रम में नारायणन ने करण थापर से बातचीत में कहा, ठोस सबूत हैं लेकिन दुर्भाग्यवश जज ने कुछ और ही फैसला किया. मुंबई हमले के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे नारायणन को कतई उम्मीद नहीं है कि तीन महीने बाद पाकिस्तान लखवी को न्याय के कठघरे में खडा करने में सक्षम होगा.
उन्होंने कहा, उनके सफल होने की मुझे कोई संभावना नहीं दिखती. वे अग्निपरीक्षा में विफल रहेंगे. बिस्वास उर्फ एट दी रेट शामीविटनेस (ट्विटर हेंडल) के बारे में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल रह चुके नारायणन ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी चिंता का विषय है और उसे केवल दुष्प्रचारकर्ता बताने से वह अपराध से मुक्त नहीं हो जाता. उन्होंने कहा, दुष्प्रचारकर्ता के रुप में उसकी (बिस्वास) भूमिका भर्ती करने वाले से अधिक खतरनाक है. जब आप दुष्प्रचार करते हैं तो आप सैंकडों या हजारों लोगों को भर्ती कर रहे होते हैं. यह चिंता का विषय है.