19 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उत्तराखंड में बारिश से राहत अभियान प्रभावित

देहरादून : उत्तराखंड में आज फिर से बारिश होने से खाद्यान्न की कमी से जूझ रहे सुदूरवर्ती जिलों में हेलीकाप्टर से राशन आपूर्ति का अभियान रुक गया और खराब मौसम के कारण केदारनाथ में शवों के अंतिम संस्कार का कार्य भी बाधित हुआ. लगातार हो रही बारिश से बद्रीनाथ राजमार्ग तीन घंटे तक बंद रहा […]

देहरादून : उत्तराखंड में आज फिर से बारिश होने से खाद्यान्न की कमी से जूझ रहे सुदूरवर्ती जिलों में हेलीकाप्टर से राशन आपूर्ति का अभियान रुक गया और खराब मौसम के कारण केदारनाथ में शवों के अंतिम संस्कार का कार्य भी बाधित हुआ. लगातार हो रही बारिश से बद्रीनाथ राजमार्ग तीन घंटे तक बंद रहा जिससे राहत लेकर जा रहे कई वाहनों सहित कुल 500 वाहन फंस गये. हालांकि राजमार्ग बाद में यातायात के लिए फिर से खुल गया.

आईजी राम मीणा ने कहा, ‘‘राहत सामग्री गिराने वाली हेलीकाप्टर अभियान बारिश के कारण रुक गया. केदारनाथ में शवों के अंतिम संस्कार का काम भी बारिश के कारण नहीं हो सका.’’एक अधिकारी ने बताया कि इन जिलों में मुख्य सड़कों का नेटवर्क अब भी क्षतिग्रस्त है जिसके कारण प्रभावित गांवों खासकर अन्य स्थानों से पूरी से कट चुके गांवों में ट्रकों से राहत सामग्री पहुंचाना असंभव है. ऐसे में अधिकारी मौसम प्रतिरोधी हेलीकॉप्टरों की सेवाएं लेने पर विचार कर रहे हैं ताकि खाद्यान्न की कमी का सामना कर रहे गांवों में खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.

राज्य आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग आज एक आपातकालीन बैठक आयोजित करेगा जिसमें इस बात पर चर्चा की जाएगी कि खराब मौसम में भी उड़ान भर सकने वाले हेलीकॉप्टरों को सेवा में कैसे लगाया जाए. इस बीच, एसोचैम ने आपदा प्रभावित उत्तराखंड में पुनर्वास और पुनर्विकास कार्यों के लिए केंद्र से आज 10 हजार करोड़ रुपये की विशेष मदद की मांग की. एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह मांग रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और चमोली जिलों के प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने वाले एसोचैम के एक दल की सिफारिश के आधार पर है. मलबा और शवों को हटाने के लिए खराब मौसम और भारी उपकरणों के अभाव के कारण काम करने में काफी दिक्कत हो रही है.

सूत्रों ने बताया कि एनडीआरएफ द्वारा मुहैया कराए गए हल्के उपकरण केदारघाटी में कई टन मलबा हटाने के लिए अपर्याप्त हैं. सूत्रों ने बताया कि राहत कार्य में लगे जवानों के लिए भोजन की कमी ने उनके कार्य को और मुश्किल बना दिया है. भोजन के भंडार में तेजी से कमी आ रही है और राहत कार्यों में लगे कुछ जवानों के भी बीमार पड़ने की खबर मिली है. केदारनाथ के लिए रवाना होने वाला 13 सदस्यीय एक पुलिस दल मलबे के कारण वहां पहुंच ही नहीं सका और उसे बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा.

केदारनाथ में पिछले दो दिनों से हो रही ताजा बारिश से मंदाकिनी और अलकनंदा का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण तीर्थस्थल से जुड़े गांवों के लोग भयभीत हैं. खराब मौसम के कारण पिछले तीन दिनों से भी अधिक समय से केदारघाटी के प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई नहीं जा सकी है. प्रशासन का दावा है कि रद्रप्रयाग के 36 गांवों में राहत सामग्री भेजी गई है लेकिन जिले के 128 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं जिसका मतलब यह हुआ कि 80 से अधिक गांवों में तत्काल राहत बल की सेवाएं पहुंचाने की जरुरत है.

खराब मौसम के कारण चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जिलों में भी राहत हेलीकॉप्टर अपनी सेवाएं नहीं दे सके. एक अधिकारी ने बताया कि केदारनाथ भेजी गई टीम को मलबा हटाने और शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए वापस बुलाने तथा इसे नई टीम की जगह राहत कार्य पर लगाने पर विचार किया जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें