विदिशा-नयी दिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने पाकिस्तान के पेशावर में एक स्कूल में तालिबानी आतंकवादियों के हमले में 160 बच्चों की मौत की घटना को ‘मानवता के सबसे अंधेरे दिनों में से एक’ करार देते हुए कहा कि आतंकवादी उन्हें बंधक बना लें लेकिन बच्चों को छोड दें. नोबेल शांति पुरस्कार से विभूषित […]
विदिशा-नयी दिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने पाकिस्तान के पेशावर में एक स्कूल में तालिबानी आतंकवादियों के हमले में 160 बच्चों की मौत की घटना को ‘मानवता के सबसे अंधेरे दिनों में से एक’ करार देते हुए कहा कि आतंकवादी उन्हें बंधक बना लें लेकिन बच्चों को छोड दें.
नोबेल शांति पुरस्कार से विभूषित कैलाश सत्यार्थी ने आज पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि वे पेशावर में तालिबानी आत्मघाती हमलावरों द्वारा बंधक बनाए गए बच्चों को तुरंत मुक्त कराएं.बचपन बचाओ आंदोलन से जुडे सत्यार्थी ने आतंकवादियों के लिए एक संदेश में कहा, ‘‘अगर वे मुङो सुन सकते हैं, तो वे मुझे बंधक बना लें, मुझे मार दें लेकिन मेरे उन 400 बच्चों को छोड दें जो वहां फंसे हुए हैं.’’
उन्होंने ट्वीट कर अपनी पीडा जताई और सभी लोगों से इस तरह के अमानवीय अपराधों के खिलाफ खडे होने की अपील की.
सत्यार्थी ने ट्वीट किया, ‘‘बच्चों को बंधक बनाने वाले और उन्हें गोली मारने वाले आतंकवादी मानवता के दुश्मन हैं. वे अल्ला के दुश्मन हैं, मजहब के दुश्मन हैं, इस्लाम के दुश्मन हैं. वे हम सब के दुश्मन हैं. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें कहीं से बुद्धि मिले.’’ ओस्लो में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के बाद पहली बार विदिशा पहुंचे सत्यार्थी ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैं पाकिस्तान सरकार और विश्व समुदाय से अपील करता हूं कि वे पेशावर में हथियारबंद तालिबान आतंकवादियों के शिकंजे से बच्चों को जल्दी मुक्त कराएं’’.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आतंकवादियों के सामने बंधक बनाए गए बच्चों को छुडाने के लिए अपने आप को उनके (आतंकवादियों) सामने पेश करने को तैयार हूं’’.पाकिस्तान के पेशावर में सेना द्वारा संचालित एक स्कूल में भारी हथियारों से लैस अरबी भाषी तालिबानी आत्मघाती हमलावरों ने कक्षाओं में घुसकर छात्रों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिसमें अनेक छात्रों की मौत हो गई.