नयी दिल्ली : दल बदल कानून के तहत आरोपों का सामना कर रहे जनता दल (यू) के तीन सांसदों के खिलाफ पार्टी की ओर से शिकायत वापस लेने के बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इस मामले में आनुशासनिक कार्यवाही खत्म कर दी जिससे तीनों सांसद अयोग्य ठहराए जाने की संभावना से बच गए. जदयू का यह कदम बिहार में भाजपा नीत राजग से उसके हटने के बाद बने नए राजनीतिक समीकरण की पृष्ठभूमि में आया.
तीन सांसदों राजीव रंजन सिंह ‘ललन’, सुशील सिंह और मंगनी लाल मंडल के खिलाफ शिकायत वापस लेने के जद (यू) के आग्रह को स्वीकार करते हुए मीरा ने पी. सी. चाको की अध्यक्षता वाली लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के समक्ष दलबदल विरोधी कानून के तहत महीनों से लंबित इस मामले की कार्यवाही प्रक्रिया समाप्त कर दी.
लोकसभा में जद (यू) के उप नेता रंजन प्रसाद यादव को लिखे पत्र में लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव वी आर रमेश ने सूचित किया कि ‘‘अध्यक्ष ने राजीव रंजन सिंह ‘ललन’, सुशील सिंह और मंगनी लाल मंडल के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची (दल बदल कानून) के तहत आपके द्वारा दायर की गई याचिका वापस लेने के आपके आग्रह को स्वीकार कर लिया है.’’
यादव ने 22 जून को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर जद (यू) द्वारा पूर्व में दायर की गई उस याचिका को वापस लेने के आग्रह किया था जिसमें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों में उक्त तीन सांसदों को अयोग्य घोषित किए जाने की मांग की गई थी. राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ प्रभावशाली भूमिहार जाति से ताल्लुक रखते हैं. भूमिहारों में भाजपा का मजबूत जनाधार माना जाता है. सुशील कुमार सिंह एक अन्य प्रभावशाली सवर्ण राजपूत जाति से हैं. मंडल उत्तरी बिहार में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रभावशाली नेता हैं.