नयी दिल्ली : भाजपा ने आज कहा कि केंद्र सरकार ने जिस जल्दबाजी और हडबडी में संसद की अवहेलना करते हुए अध्यादेश के जरिए खाद्य सुरक्षा विधेयक लागू किया है, उससे जल्दी लोकसभा चुनाव कराये जाने के संकेत मिलते हैं. पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक में सरकार के इस कदम पर चर्चा की गयी और आरोप लगाया गया कि खाद्य सुरक्षा अध्यादेश लाये जाने के पीछे कांग्रेस का कोई ‘गुप्त एजेंडा’ है.
बैठक के बाद पार्टी नेता अनंत कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बोर्ड ने अध्यादेश का रास्ता अपनाये जाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की कडी आलोचना की. उन्होंने कहा कि इसके पीछे कांग्रेस की ‘बदनीयत’ के साथ यह बात भी सामने आयी है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दोनों को ये भी भय लगता होगा कि कहीं संप्रग के घटक दल ही संसद में इस विधेयक पर सरकार का साथ न दें.
कुमार ने कहा कि संसद और अपने घटक दलों की अवहेलना करने के कांग्रेस के इस कदम से ‘जल्द चुनाव होने का भी संकेत’ मिल रहा है. उन्होंने कहा कि तीन साल पहले भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में अनाज सड रहा था और उच्चतम न्यायालय तक ने उस अनाज को गरीबों में वितरित करने का निर्देश दिया था लेकिन ऐसा करने की बजाय सरकार ने उस अनाज को शराब के ठेकेदारों को बेच दिया.
कुमार ने कहा कि उसके तीन साल बाद चुनाव करीब आने पर सरकार को खाद्य सुरक्षा विधेयक की याद आयी है. सरकार के कार्यकाल के आखिरी साल इस विधेयक की याद आने से साफ है कि सरकार का इरादा गरीबों की मदद करना नहीं बल्कि इसके पीछे कोई छिपा एजेंडा है.