बेंगलुरु: जीसैट-16 के सफल प्रक्षेपण के अगले दिन आज इस संचार उपग्रह की गति बढाने की पहली प्रक्रिया के तहत इसके ‘द्रव अपोजी मोटर’ इंजन को चालू किया गया.भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, ‘‘पहली अपोजी मनूवर फायरिंग सफलता पूर्वक पूरी कर ली गयी है. ‘लिक्विड अपोजी मोटर’ (लैम) को 6081 सेकेण्ड के लिए शुरु किया गया. इस दौरान 877.6 किलोग्राम ईंधन का इस्तेमाल किया गया.
शुरुआती आंकडे दिखाते हैं कि उसने पृथ्वी से सबसे निकटतम बिन्दू 16,005 किलोमीटर की उंचाई को प्राप्त कर लिया है.’’ जी-सैट 16 के द्रव अपोजी मोटर इंजन को चलाकर इसे करीब 36,000 किलोमीटर की उंचाई पर भूस्थैतिक कक्षा में ले जाया जाएगा. इसके इंजनों को तीन बार शुरु कर इसकी गति बढायी जाएगी.
इसरो ने बताया कि उपग्रह को 12 दिसंबर को भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा. उसके बाद संचार ट्रांसपांडरों को कक्षीय परीक्षण हेतु शुरु किया जाएगा.
भारत की संचार सेवा को बेहतर बनाने के लिए जीसैट-16 को फ्रेंच गुएना के कौरौ अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से एरियन-5 रॉकेट से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया. हालांकि खराब मौसम के कारण प्रक्षेपण में दो दिन की देरी हुई.
जी-सैट अपने साथ 48 ट्रांसपोंडर लेकर गया है. यह इसरो द्वारा तैयार संचार उपग्रह द्वारा अब तक ले जाए गए उपग्रहों में सबसे ज्यादा हैं. इससे सार्वजनिक और निजी टेलीविजन और रेडियो सेवाओं, इंटरनेट और टेलीफोन संचालन को बढावा मिलेगा.