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रामसेतु से अलग वैकल्पिक मार्ग की संभावनाओं का पता लगा रही है सरकार

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज स्पष्ट किया कि राम सेतु को प्रभावित किए बिना पंबन दर्रे के जरिए सेतुसमुद्रम शिपिंग कैनाल प्रोजेक्ट ( एसएससीपी) के लिए एक वैकल्पिक मार्ग की संभावना का पता लगाया जा रहा है. नौवहन राज्य मंत्री पी. राधाकृष्णन ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के सवालों के जवाब में […]

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज स्पष्ट किया कि राम सेतु को प्रभावित किए बिना पंबन दर्रे के जरिए सेतुसमुद्रम शिपिंग कैनाल प्रोजेक्ट ( एसएससीपी) के लिए एक वैकल्पिक मार्ग की संभावना का पता लगाया जा रहा है.
नौवहन राज्य मंत्री पी. राधाकृष्णन ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों के सवालों के जवाब में बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार सेतु समुद्रम पोत चैनल परियोजना (एसएससीपी) के कार्यान्वयन को जुलाई 2009 में रोक दिया गया था.
उन्होंने बताया कि भारत सरकार राम सेतु को प्रभावित किए बिना पंबन दर्रे के जरिए सेतुसमुद्रम शिपिंग कैनाल प्रोजेक्ट (एसएससीपी) के लिए एक वैकल्पिक मार्ग की संभावना का पता लगाया जा रहा है.
राधाकृष्णन ने बताया कि रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनोमिक सर्विस (राइट्स) ने पूर्व व्यवहार्यता अध्ययन किया है और नवंबर 2014 में रिपोर्ट प्रस्तुत की है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में की गयी मुख्य सिफारिशों में बताया गया है कि पंबन नहर में पोल्लीवसाल और करुसदाई की कोरल रीफ द्वीप के बीच नहर का संकीर्ण और उथला होना मुख्य बाधा है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बैथिमेट्रिक सर्वेक्षण किए जाने के बाद ही पता चला है कि पंबन ब्रिज के नीचे 55 से 56 मीटर गहराई है. पंबन ब्रिज के निकट बिना ड्रेजिंग के जलयान के डुबाव को पंबन और कोरल द्वीप के बीच को जोड़ने वाली संकीर्ण नहर को गहरा और चौड़ा करने से इसे 45 मीटर से 55 मीटर तक गहरा किया जा सकता है.

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