नयी दिल्लीः भारत ने उत्तरी प्रांतीय परिषद के चुनाव से पहले श्रीलंका के 13 वें संविधान संशोधन के मुख्य प्रावधानों को कमजोर करने की श्रीलंका की कथित योजनाओं पर आज निराशा जताई.
भारत ने श्रीलंका के उन वादों पर संदेह जताया जो उसने तमिल समस्या के राजनीतिक समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से किया था.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब श्रीलंका से तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) का छह सदस्यीय एक शिष्टमंडल उनसे यहां मिला.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में यह जानकारी दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीलंका में तमिल समुदाय के कल्याण और बेहतरी को लेकर वह बहुत चिंतित हैं.