रायपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र से एकमात्र कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने आरोप लगाया है कि परिवर्तन यात्रा पर नक्सली हमला सरकार द्वारा सुरक्षा नहीं दिये जाने के कारण हुआ है और सरकार अपनी जिम्मेदारी स्वीकारने के बजाय उन्हें कुप्रचार का शिकार बना रही है. लखमा ने आज यहां आरोप लगाया कि 25 मई को परिवर्तन यात्रा पर दरभा की जीरम घाटी में हुआ हमला सरकार द्वारा सुरक्षा नहीं दिये जाने के कारण हुआ है. सरकार अपनी जिम्मेदारी स्वीकारने के बजाय उन्हें अपने कुप्रचार का शिकार बना रही है.
उन्होंने कहा कि एक गरीब आदिवासी परिवार में जन्म लेकर वह कोंटा से विधायक चुने गए हैं. वह बस्तर की 12 सीटों में से एकमात्र कांग्रेस के विधायक हैं, जिसे भाजपा सरकार बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. आने वाले चुनाव को देखते हुए उनके खिलाफ झूठी मुहिम चलायी जा रही है. इस झूठे प्रचार से वह दुखी और पीड़ित हैं. लखमा ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी और और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों ने उन्हें हमेशा बदनाम किया है. वह एक अनपढ और गरीब व्यक्ति हैं इसलिए उन्हें बदनाम करने की साजिश की जाती है.
लखमा ने कहा कि पिछले दिनों जब वह घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती थे तब छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष चरणदास महंत ने उन्हें समझाया था कि ‘तुम्हें आराम करने की आवश्यकता है. जांच दल के अलावा किसी पत्रकार से भी बात नहीं करना.’ लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इसे गलत अर्थों में दुष्प्रचार करना शुरु कर दिया.
कांग्रेस विधायक ने अपने साथियों और खासकर आदिवासी समाज से आग्रह किया है कि इससे सतर्क और सावधान रहें. छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में 25 मई को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था. इस घटना में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नंद कुमार पटेल समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले के दौरान कोंटा विधायक कवासी लखमा भी मौजूद थे, जो बच गये थे. इसके बाद लखमा को लेकर यहां कई तरह की चर्चा शुरु हो गई है. नक्सली हमले की न्यायिक जांच शुरु हो गई है. वहीं, केंद्र सरकार ने घटना की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपा है.