नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के दौरे पर आये वियतनाम के प्रधानमंत्री नुएन तन जुंग का आज औपचारिक स्वागत करते हुए कहा कि दोनों देश आपसी सहयोग व समन्वय से शांति व विकास के साझा लक्ष्य को हासिल करेंगे. मोदी ने कहा कि वियतनाम के प्रधानमंत्री दिल्ली आने से पहले बोध गया गये, यह दोनों देशों के गहरे सांस्कृतिक संबंधों का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि वियतनाम ने धैर्य व साहस से संकटों का सामना किया है. दोनों विकासशील देश शांति व विकास के लिए सहयोग को आगे आये हैं. उन्होंने कहा कि भारत वियतनामा के सेटेलाइट को लांच करेगा और अंतरिक्ष क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ायेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे सामूहिक व्यापार व परिवहन में कोई बाधा नहीं है और हम अपने विवाद शांतिपूर्ण तरीके से अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सुलझायेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे विचारों में बहुत सारी समानताएं हैं. वियतनाम के प्रधानमंत्री नुएन तन जुंग और उनकी पत्नी त्रन तान्ह किम के लिए राष्ट्रपति भवन में आज एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में हमारा सहयोग अहम है. वहां के सुरक्षा बलों को आधुनिक बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है. उन्होंने इसके लिए 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद देने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि दोनों देशों में काउंटर टेरेरिज्म पर सहमति है. उन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने की बात कही. उन्होंने कहा कि हमारे बीच समुद्री व्यापार में दिक्कत नहीं है. पीएम मोदी ने मशीनरी, आइटी सहित कई क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम आपसी संपर्क बढ़ाने व पर्यटन के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय में वियतनाम की भागीदारी पर हमारी सहमति है. उन्होंने कहा कि 2015 में आशियान में वियतनाम भारत के लिए को-आर्डिनेटर होगा. प्रधानमंत्री के अनुसार, हमारे राष्ट्रपति के वियतनाम के दौरे से लौटने के बाद हमारे रिश्ते मजबूत हुए हैं.
वियतनाम ने भारत को दो तेल ब्लॉकों की पेशकश की है. साथ ही एक अन्य तेल ब्लॉक को दो साल के लिए विस्तारित किया है.