नयी दिल्ली : नक्सल विरोधी अभियानों को अंजाम देने के लिए केंद्र सरकार ने बिहार में 1,000 जवानों की एक नई बटालियन भेजी है. नक्सल हिंसा से मुकाबले की रणनीति के तहत केंद्र ने बिहार में नई बटालियन भेजने का फैसला किया है.
बटालियन में जिन जवानों को शामिल किया गया है वे सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के कर्मी हैं और उन्हें राज्य में पहले से ही तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ लगाया जाएगा.एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नई बटालियन को जंगल में जंग लड़ने और नक्सल-विरोधी अभियानों का प्रशिक्षण हासिल है और राज्य की राजधानी में शुरुआती भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद उन्हें अंदरुनी इलाकों में तैनात किया जाएगा.
इस साल की शुरुआत में करीब 2,000 एसएसबी जवानों को नक्सल विरोधी अभियान के लिए झारखंड में तैनात किया गया था. भारत-नेपाल तथा भारत-भूटान सीमा की रक्षा में तैनात रहने वाली एसएसबी अक्तूबर 2011 में छत्तीसगढ़ से वापस बुलाए जाने तक माओवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा हुआ करती थी.
सीआरपीएफ, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस :आईटीबीपी: के बाद एसएसबी चौथा अर्धसैनिक बल होगा जिसे माओवाद-विरोधी अभियान में पूरी तरह तैनात किया जाएगा. बिहार में तैनात की जाने वाली नई बटालियन पटना स्थित एसएसबी के फ्रंटियर मुख्यालय के ऑपरेशनल कमांड के तहत काम करेगी.