नयी दिल्ली: भाजपा के साथ अपने 17 वर्षो के रिश्ते को तोड़ने के जदयू के फैसले का स्वागत करते हुए भाकपा ने आज ने आज कहा कि विश्वास मत के दौरान बुधवार को विधानसभा में पार्टी के विधायक नीतीश सरकार का समर्थन करेंगे.
भाकपा केंद्रीय सचिवालय ने अपने बयान में कहा, “ इसका अर्थ नीतीश कुमार सरकार को सम्पूर्ण समर्थन नहीं होगा और इसके कार्यो को गुणवत्ता के आधार पर परखा जायेगा.”
भाकपा और भाकपा माले ने कल भाजपा के बिहार बंद के आह्वान का विरोध किया है.पार्टी ने कहा कि भाजपा में नरेन्द्र मोदी का कद बढ़ाये जाने के खिलाफ जदयू का यह महत्वपूर्ण कदम है और यह हिन्दुत्व से जुड़ी विघटनकारी ताकतों के खिलाफ संघर्ष है.
भाकपा ने कहा कि जदयू को यह निर्णय धर्मनिरपेक्षता के हित में पहले ही करना चाहिए था. अब यह स्पष्ट हो गया है कि अब आरएसएस के फतवा के तहत भाजपा की प्रत्येक चीजें चल रही हैं.
भाकपा माले ने भी जदयू के भाजपा से अलग होने के फैसले का स्वागत किया और कहा कि “हम नीतीश कुमार को बिहार के एजेंडे से भटकने नहीं देंगे और हम सरकार को उसकी सभी विफलताओं के लिए जवाबदेह बनायेंगे” पार्टी ने नीतीश कुमार पर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस जैसी भ्रष्ट और अवसरवादी ताकतों से निकटता बढ़ाने का आरोप लगाया. भाकपा माले ने कहा कि लालू प्रसाद से प्रतिस्पर्धा करने के क्रम में नीतीश अब कांग्रेस को खुश करने का प्रयास कर रहे हैं.