इंदौर : भाजपा-जदयू गठबंधन टूटने पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज सधी हुई प्रतिक्रिया दी. कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने 2010 के बिहार विधानसभा चुनावों के वक्त ही इस रिश्ते को तोड़ने का साहस दिखाया होता तो भाजपा को इस पूर्वी राज्य में अपेक्षाकृत कम सीटें मिलतीं.
दिग्विजय ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जदयू या राजग क्या करता है इससे हमें कोई लेना.देना नहीं है. लेकिन अगर नीतीश कुमार ने (भाजपा से अलग होने का) यह साहसिक फैसला वर्ष 2010 में ही कर लिया होता, तो भाजपा को उतनी सीटें नहीं मिलतीं जितनी आज उसके पास बिहार में हैं.’’उन्होंने एक सवाल पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कल 15 जून को श्रीनगर में दिये उस बयान का समर्थन किया, जिसमें राहुल ने कहा था कि कांग्रेस नीत संप्रग में जदयू को आमंत्रित करने के बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निर्णय लेंगे.
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले देश में गठबंधन की राजनीति के बदलते समीकरणों से सत्ता के क्षितिज पर तीसरे मोर्चे के उदय की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव ने कहा,‘‘देश में तीसरा मोर्चा कभी सफल नहीं हुआ है. वैसे भी शरीर पूंछ को हिलाता है, पूंछ शरीर को नहीं.’’दिग्विजय ने कहा, ‘‘मुझे यह बात संभव नहीं लगती कि महज 25 से 30 लोकसभा सीटों वाली चंद पार्टियां केंद्र की सरकार बनाकर इसे सफलतापूर्वक चला सकती हैं.’’