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खान घोटाला:मनमोहन व कोड़ा ने की अनियमितताएं

नयी दिल्ली : कोयला घोटाले पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट से पता चला है कि छह खदानों के आवंटन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने अनियमितताएं बरतीं. झारखंड केंद्रित कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कोड़ा की सिफारिशवाली कई कंपनियों को ब्लॉक देने के […]

नयी दिल्ली : कोयला घोटाले पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट से पता चला है कि छह खदानों के आवंटन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने अनियमितताएं बरतीं.

झारखंड केंद्रित कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कोड़ा की सिफारिशवाली कई कंपनियों को ब्लॉक देने के फैसले को ओके कर दिया. फाइनल लिस्ट में अपनी ओर से भी कुछ नाम जोड़ दिये. कंपनियों के नाम स्क्रीनिंग कमेटी ने नहीं सुझाये थे. इस पूरी प्रक्रिया में स्क्रीनिंग कमेटी काफी अहम थी, जिसका काम कंपनियों की योग्यता परखना था. कमेटी ने 210 में 10 आवेदन अप्रूव किये. लेकिन पीएम-सीएम के कारण आवंटन प्रक्रिया में उस कमेटी का कोई औचित्य नहीं रह गया.

संसद में पेश किये जाने के बाद इस रिपोर्ट का यह पहलू सामने नहीं आया था. झारखंड सरकार द्वारा कोल ब्लॉक आवंटन में बरती गयी अनियमितताओं पर फोकस यह रिपोर्ट जुलाई, 2013 में दी गयी थी, जब झारखंड में राष्ट्रपति शासन था. इससे पहले कोयला घोटाले पर कैग की रिपोर्ट अगस्त, 2012 में संसद में पेश हुई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री कोड़ा, केंद्र ने स्क्रीनिंग कमेटी के सुझावों को नजरअंदाज कर छह खान आवंटित कर दिये. तब (वर्ष 2007 में) कोयला मंत्रालय पीएम के पास था.
* इन कंपनियों के जोड़े गये नाम : टाटा स्टील लिमिटेड, जेएएस इन्फ्रास्ट्रक्चर, एस्सार पावर लिमिटेड, आर्सेल मित्तल इंडिया लिमिटेड, डीवीके पावर्स और गगन स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड को भी कोल ब्लॉक आवंटित किये गये, जबकि शुरु आती सिफारिशों में इनके नाम नहीं थे.
* झारखंड रेवेन्यू सेक्टर पर कैग की रिपोर्ट
झारखंड रेवेन्यू सेक्टर पर कैग की रिपोर्ट नंबर एक कहती है, जब स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिशें जून, 2007 में मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए भेजी गयीं, तो कोड़ा ने इसके नामों में फेरबदल किये और केंद्र के पास सिफारिशें भेज दी. ऐसा क्यों किया गया, इसकी वजह नहीं बतायी गयी. सीएजी ने इस बारे में झारखंड सरकार से सितंबर, 2012 में जवाब मांगा, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला.
* कांग्रेस के समर्थन से सीएम थे मधु कोड़ा
निर्दलीय विधायक रहे मधु कोड़ा कांग्रेस के समर्थन से वर्ष 2006 में झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे. खदान आवंटन के सिलिसले में मनी लांडरिंग के आरोपों में कोड़ा को गिरफ्तार भी किया गया था. इडी और सीबीआइ ने उनके खिलाफ केस दर्ज करते हुए कई उनकी कई सौ करोड़ की प्रॉपर्टी को अटैच किया है. आरोप लगा था कि कोड़ा ने 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के वारे-न्यारे किये.
* पैनल की अनदेखी
– स्क्रीनिंग कमेटी ने 210 में से 10 कंपनियों को चुना
– कोड़ा ने 2007 में पैनल की रिपोर्ट से तीन कंपनियों के नाम हटा कर पांच कंपनियों के नाम जोड़ दिये
– केंद्र ने कोड़ा की सिफारिशों को मंजूर किया. मनमोहन सिंह ने भी अपनी ओर से कुछ कंपनियों के नाम इस लिस्ट में जोड़ दिये

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