शिरडी: शिरडी साईंबाबा संस्थान ने छत्तीसगढ़ में आज से शुरु हो रही धर्म परिषद में अपना प्रतिनिधि भेजने के द्वारिकापीठ के शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती के न्यौते को खारिज कर दिया. संस्थान का यह कदम धर्मगुरु द्वारा साईंबाबा को भगवान कहकर पूजे जाने पर सवाल उठाने के बाद विवाद उत्पन्न होने की पृष्ठभूमि में उठाया गया है.
शिरडी साईंबाबा संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी मोहन यादव ने बताया, संस्थान ने इस माह के शुरु में इसके उप कार्यकारी अधिकारी अप्पासाहेब शिंदे को 24-25 अगस्त को छत्तीसगढ़ में कबीरधाम जिले के कवर्धा में होने जा रही बृहद धर्म संसद में भाग लेने के न्यौते पर विचार विमर्श किया. हमने आयोजन कोई प्रतिनिधि नहीं भेजने का निर्णय किया है. बहरहाल, उन्होंने संस्थान के निर्णय के पीछे कोई कारण नहीं बताया.
शंकराचार्य का प्रतिनिधित्व करने वाले एक शिष्टमंडल ने 10 अगस्त को शिरडी का दौरा किया था. उसने शिंदे से अनुरोध किया कि धर्मगुरु के इस बयान की पृष्ठभूमि में संस्थान कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करे कि साईबाबा भगवान नहीं थे और उनकी पूजा नहीं की जानी चाहिए. स्वामी स्वरुपानंद की टिप्पणी से साई बाबा के शिष्यों के बीच खलबली मच गयी थी. इसके कारण धर्मगुरु की आलोचना की गयी और कई स्थानों पर उनके विरुद्ध प्रदर्शन किये गये.