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नेपाल ने छोड़ा 10 लाख क्यूसेक पानी,सैकड़ों गांव डूबे,लाखों लोग प्रभावित

* पड़ोसी देश ने छोड़ा 10 लाख क्यूसेक पानी, सैकड़ों गांव डूबे, लाखों लोग प्रभावित * उत्तर प्रदेश के नौ जिले प्रभावित, 28 मरे नयी दिल्ली : नेपाल की नदियों में आयी बाढ़ उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में कहर बन कर टूटी है. पड़ोसी मुल्क में बाढ़ का पानी बांधों के जरिये छोड़े जाने […]

* पड़ोसी देश ने छोड़ा 10 लाख क्यूसेक पानी, सैकड़ों गांव डूबे, लाखों लोग प्रभावित

* उत्तर प्रदेश के नौ जिले प्रभावित, 28 मरे

नयी दिल्ली : नेपाल की नदियों में आयी बाढ़ उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में कहर बन कर टूटी है. पड़ोसी मुल्क में बाढ़ का पानी बांधों के जरिये छोड़े जाने से घाघरा, सरयू, शारदा, राप्ती और बूढ़ी राप्ती ने सैकड़ों गांवों में तबाही का मंजर पैदा कर दिया है. बाढ़जनित हादसों में 28 लोगों की मौत हो चुकी है. लाखों की आबादी प्रभावित है. सैलाब का असर सड़क, रेल यातायात पर भी पड़ा है. बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए एसएसबी तथा पीएसी को तैनात किया गया है.

राज्य के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने रविवार को बताया कि प्रदेश के नौ जिलों के 1,500 गांव की लाखों की आबादी सैलाब से प्रभावित है. बहराइच में 14, श्रावस्ती में दो, बलरामपुर में एक, लखीमपुर खीरी में सात, सीतापुर में चार लोगों की मौत हुई है. गोंडा, बाराबंकी, फैजाबाद तथा आजमगढ़ भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. सबसे ज्यादा कहर बहराइच में टूटा है, जहां 202 गांव प्रभावित हैं. श्रावस्ती के 117 गांवों में करीब 60 हजार लोग सैलाब से प्रभावित हैं.

बहराइच से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल की भादा, कौडियाला और गेरुआ में बाढ़ से बहराइच की घाघरा तथा सरयू नदी और श्रावस्ती में राप्ती नदी का जलस्तर शनिवार को बहुत बढ़ गया. नानपारा, महसी तहसील के 250 मकान ढह गये. 95 झोपडि़यां बह गयीं. इन तहसीलों के 103 गांवों 546 मजरे की ढाई लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. बचाव और राहत कार्य के लिए सेना के दो हेलीकॉप्टर पहुंच चुके हैं. महसी तहसील से अब तक 4,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है.

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, राप्ती बलरामपुर में उच्चतम स्तर को पार कर गयी है. यही हाल घाघरा का एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) में है. बहराइच-श्रावस्ती को जोड़नेवाला भिनगा-बहराइच मार्ग का 200 मीटर बह गया. कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार में गेरुआ नदी की बाढ़ से वन्यजीवों का संकट गहरा गया है.

* असम के 800 गांव डूबे

* इन नदियों का जलस्तर बढ़ा

– शारदा नदी पलियाकलां (खीरी) में

– घाघरा नदी अयोध्या में

– बूढ़ी राप्ती नदी ककरही (सिद्धार्थनगर) में खतरे के निशान से ऊपर

* इधर, नेपाल में 85 मरे, 156 लापता

नेपाल के विभिन्न जिले में जबरदस्त बारिश से पिछले तीन दिनों में बाढ़ और भू-स्खलन से कम से कम 85 लोगों की मौत हो गयी. 156 लोग लापता हैं. अधिकारियों ने बताया कि मध्य पश्चिमी क्षेत्र में 73 लोगों की जान चली गयी, जबकि 131 अभी भी लापता हैं.

* अरुणाचल में जनजीवन ठप

कई दिनों से अरुणाचल में लगातार बारिश से कई जिलों में बाढ़ आ गयी. भू-स्खलन हुए. सड़क यातायात और सामान्य जनजीवन ठप है. लोक निर्माण विभाग (राजमार्ग) के प्रमुख अभियंता एच अप्पा ने कहा कि 15 अगस्त को भू-स्खलन से इटानगर और नाहरलगुन के बीच सड़क संपर्क बाधित हुआ. कारसिंग्सा के निकट सड़क, पुल बह गये. यह सड़क सभी वाहनों के लिए बंद है. किमिन-जीरो मार्ग भी गुरुवार से बंद है. भू-स्खलन की घटनाएं चंद्रनगर, नीतिविहार और केपिटल कॉम्प्लेक्स के कई सेक्टरों में भी हुई हैं. बाढ़ का सबसे बुरा प्रभाव लोहित जिले पर पड़ा है, जहां कृषि भूमि और मकान डूब गये हैं.

* बाढ़ से निबटने में सहयोग करेगा केंद्र : राजनाथ

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार इस समस्या से निबटने के लिए राज्य सरकार को पूरा सहयोग करेगी. उन्होंने रविवार को कहा, न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि हर जगह, जहां बाढ़ की समस्या उत्पन्न हुई है, केंद्र सरकार पूरी मदद करेगी. इसके लिए एनडीआरएफ को आवश्यक निर्देश दिये जा चुके हैं.

* भाजपा नेताओं से बोले शाह बचाव कार्य में मदद करें

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश, बिहार और असम में बाढ़ की स्थिति पर चिंता व्यक्त की. साथ ही पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य में मदद करने को कहा. उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के चलते संकट में फंसे लोगों को हर संभव मदद मुहैया करायी जायेगी.

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